सुप्रीम कोर्ट ने राज्य वक्फ बोर्ड में नियुक्ति को लेकर सुनाया अहम फैसला.
नई दिल्ली, 23 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य वक्फ बोर्ड में नियुक्ति को लेकर अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि राज्य बार काउंसिल का सक्रिय सदस्य ही राज्य वक्फ बोर्ड का सदस्य बन सकता है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए 2 अनिवार्य शर्तें पूरी करनी होंगी। पहली शर्त है कि व्यक्ति मुस्लिम समुदाय से हो। दूसरी-संसद, राज्य विधानसभा या बार काउंसिल के सदस्य के रूप में सक्रिय पद हो। सुप्रीम कोर्ट मणिपुर हाईकोर्ट के उस फैसले को गलत बताया, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि कानून में स्पष्ट नहीं है कि बार काउंसिल से बाहर होने पर वक्फ बोर्ड की सदस्यता भी समाप्त हो जाएगी। बता दें कि राज्य वक्फ बोर्ड का यह मामला मणिपुर के मोहम्मद फिरोज अहमद खालिद से जुड़ा था, जिन्हें फरवरी 2023 में मणिपुर वक्फ बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया था। वह दिसंबर 2022 के चुनाव में बार काउंसिल का सदस्य बनने के बाद वक्फ बोर्ड में शामिल हुए थे। उन्होंने उस व्यक्ति की जगह ली थी, जो बार काउंसिल का चुनाव हार गया था। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खालिद की नियुक्ति को वैध ठहराया था, लेकिन डिवीजन बेंच ने इस फैसले को पलटते हुए कहा था कि कानून में यह स्पष्ट नहीं है कि बार काउंसिल से बाहर होने पर वक्फ बोर्ड की सदस्य समाप्त हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि वक्फ कानून के मुताबिक बार काउंसिल की सदस्यता अगर समाप्त हो जाती है, तो वक्फ बोर्ड की सदस्यता अपने आप रद्द मानी जाएगी।

