नई दिल्ली, 27 मई । दक्षिणी पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने तीन शातिर
जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने एक बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 25 लाख रुपये की
ठगी की थी। ठगों ने पीड़ित से उनकी पत्नी के आभूषण तक बिकवा दिए थे। इन शातिरों के अन्य
साथियों का पता लगाया जा रहा है।
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि ठगों की पहचान छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी राहुल वर्मा,
उत्तर प्रदेश के झांसी निवासी शांतनु रिचोरिया और सहारनपुर निवासी अर्जुन सिंह के रूप में हुई है।
पुलिस ने इनसे अपराध में इस्तेमाल 3 मोबाइल, चार सिम कार्ड और डेबिट कार्ड बरामद किया है।
पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश में अलग अलग जगह छापेमारी कर रही है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पालम के राजनगर निवासी 71 वर्षीय महेंद्र जैन ने पुलिस को
शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को उनके वाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। काल करने
वाले ने खुद को नासिक पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी संजय बताया। आरोपित ने पीड़ित से
कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी में प्रयोग डेबिट कार्ड बनाने में किया गया है।
जालसाज ने कहा कि उनके कार्ड का इस्तेमाल एक बड़ी एयरलाइन कंपनी के मालिक द्वारा मनी
लान्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। आरोपित ने पीड़ित को जेल भेजने की धमकी दी। फिर इस
मामले से निकालने के एवज में पैसे की मांग की।
जालसाज के अन्य साथियों ने भी बुजुर्ग के पास कॉल की। फिर बुजुर्ग से करीब 25 लाख रुपये ठग
लिये। आरोपितों के डर से पीड़ित ने अपनी पत्नी के आाभूषण बेचकर भी उन्हें पैसे दिए। पैसे पेटीएम
और आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर
जांच शुरू की। पुलिस ने पहाड़गंज में छापेमारी कर राहुल वर्मा, शांतनु रिचोरिया और अर्जुन सिंह को
गिरफ्तार किया।
होटल में कमरा लेकर देशभर में करते थे ठगी
ये एक होटल में कमरा किराए पर लेकर धोखाधड़ी कर रहे थे। अधिकतर बुजुर्गों को अपना निशाना
बनाते थे। पूछताछ में राहुल ने बताया कि पहले उसने ठगों को अपना बैंक खाता मुहैया कराया था।
इसी खाते में ठगी की रकम आती थी। इसके बाद राहुल खुद भी गिरोह में शामिल हो गया। ये
आरोपित फर्जी बैंक खातों को विदेशी जालसाजों को भी उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने अभी तक ठगी
में इस्तेमाल आठ खातों को ट्रेस किया है। इन्होंने वाट्सएप पर अपना ग्रुप बना रखा था।