नई दिल्ली, 22 अप्रैल । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की निगरानी कर रही चुनाव समिति ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है और अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की है। चुनाव समिति ने पूरी चुनाव प्रक्रिया को रोकने के लिए परिसर की सुरक्षा में गंभीर खामी और शत्रुतापूर्ण माहौल का हवाला दिया। चुनाव समिति ने कहा कि जब तक पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती, चुनाव फिर से शुरू नहीं होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखे पत्र में समिति ने आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था अपर्याप्त है। समिति के सदस्यों ने कहा हमारी जान को खतरा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उचित सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो चुनाव रद्द भी हो सकते हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय के सूत्रों ने दावा किया कि उन्हें चुनाव समिति से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान अराजकता के बाद चुनाव प्रक्रिया को तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है। छात्रों ने कथित तौर पर अवरोधक तोड़ दिए, शीशे तोड़ दिए और जबरन चुनाव कार्यालय में घुस गए। घटना के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा तैनात सुरक्षाकर्मियों ने कथित रूप से कोई सक्रियता नहीं दिखाई, जिससे ऐसी स्थितियों से निपटने में उनकी क्षमता को लेकर चिंता पैदा होती है। चुनाव समिति ने इसके मद्देनजर आंतरिक चर्चा की और कुलपति से मिलने का प्रयास किया, जिन्होंने कथित तौर पर मुलाकात से इनकार कर दिया। इसके बाद, चुनाव समिति ने छात्र कल्याण अधिष्ठाता से एक औपचारिक अनुरोध किया, जिसमें आगामी चुनाव प्रक्रियाओं, विशेष रूप से मतदान और मतगणना के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस के कर्मियों की तैनाती का आग्रह किया गया। चुनाव समिति के एक सदस्य ने कहा, सुरक्षाकर्मी नामांकन के दौरान स्थिति को संभाल नहीं पाए। उनसे मतदान के दिन 5,000 छात्रों की भीड़ को नियंत्रित करने की उम्मीद करना हकीकत से परे है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि चुनाव समिति गठित हो जाने के बाद प्रशासन की चुनाव प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं रह जाती। अधिकारी ने कहा डीयूएसयू (दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ) चुनाव के विपरीत जेएनयू चुनाव में पुलिस की तैनाती आम बात नहीं है। अगर कोई समस्या है, तो चुनाव समिति को उन्हें स्वतंत्र रूप से सुलझाना चाहिए। गतिरोध के कारण पूरी चुनाव प्रक्रिया के पटरी से उतरने का खतरा है। गतिरोध जारी रहने पर 23 अप्रैल को होने वाली बहुप्रतीक्षित प्रेसिडेंशियल डिबेट के भी रद्द होने का खतरा है। इस साल कुल 7,906 छात्र मतदान के लिए पंजीकृत हैं। चुनाव समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पंजीकृत मतदाताओं में से 57 प्रतिशत पुरुष और 43 प्रतिशत महिलाएं हैं। मूल चुनाव कार्यक्रम के अनुसार प्रेसिडेंशियल डिबेट 23 अप्रैल को होनी है। चुनाव प्रचार 24 अप्रैल को समाप्त होगा और मतदान 25 अप्रैल को दो सत्रों में – सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक होना है। उसी रात मतगणना शुरू होगी और परिणाम 28अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।
ब्रेकिंग न्यूज़.. नई दिल्ली, जेएनयू छात्र संघ चुनाव: चुनाव समिति ने पुलिस सुरक्षा की मांग की
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