स्वरोजगार की दिशा में छात्रों का प्रेरणादायक कदम
इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, 14 मई। आर.के.एस.डी. कॉलेज, कैथल के वाणिज्य विभाग ने आईक्यूएसी, इनक्यूबेशन सेंटर, ईडीपी सेल, करियर गाइडेंस एंड प्लेसमेंट सेल के सहयोग तथा पंजाब नेशनल बैंक आरएसईटीआई (ग्योंग) के संयुक्त तत्वावधान में 25 अप्रैल से 7 मई 2025 तक मशरूम की खेती पर 10 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को मशरूम की वैज्ञानिक खेती की तकनीकों से परिचित करवाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना था। मशरूम की खेती आज के समय में युवाओं के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला कृषि-आधारित व्यवसाय बनती जा रही है, जो पर्यावरण के अनुकूल है और सीमित संसाधनों में भी आसानी से किया जा सकता है। यह न केवल स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.एस. मेहला द्वारा किया गया, जिसमें आरएसईटीआई निदेशक जगदीश कुमार, उप-प्राचार्य डॉ. राजबीर पराशर सहित अन्य विभागीय संयोजकों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कुल 35 छात्र-छात्राओं ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया, जिनमें बी.ए., बी.कॉम., बी.एससी., बीसीए व बी.कॉम. (ऑनर्स) के विद्यार्थी शामिल थे। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को व्हाइट बटन व ऑएस्टर मशरूम की वैज्ञानिक खेती, उनके उत्पादन, विपणन और प्रबंधन से जुड़ी व्यावसायिक जानकारियाँ दी गईं। सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ विद्यार्थियों को बाखली स्थित सीएस मशरूम फार्म में फील्ड विजिट कर व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किया गया। फार्म संचालकों रविंद्र एवं सुल्तान ने विद्यार्थियों को मशरूम उत्पादन की बारीकियों से अवगत कराया। प्रशिक्षण के अंत में पीएनबी आरएसईटीआई द्वारा विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार भी आयोजित किए गए, जिसके आधार पर सभी प्रतिभागियों को भारत सरकार एवं आरएसईटीआई की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। यह प्रमाण पत्र न केवल विद्यार्थियों के व्यवसायिक कौशल का प्रमाण है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। इस कार्यक्रम के आयोजन में आरकेएसडी कॉलेज के प्राध्यापकगण डॉ. गगन मित्तल, डॉ. विनय सिंगल, अजय शर्मा,डॉ. विशाल आनंद, डॉ. रचना सरदाना, डॉ. पूजा मित्तल, डॉ. शशि, डॉ बबिता व विभाग के सभी अध्यापकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम के समापन अवसर पर वाणिज्य विभागाध्यक्ष अजय शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कॉलेज प्राचार्य डॉ. एस.एस. मेहला ने विद्यार्थियों को ऐसे व्यावहारिक और उद्यमशीलता पर आधारित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। यह प्रशिक्षण न केवल छात्रों को व्यवसायिक तकनीकें सिखाने में सहायक रहा, बल्कि उनमें नवाचार, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की भावना को भी जाग्रत करता है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।