मुंबई, 13 मई । साल 1999 में बालीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ने अमेरिका में बसे
कार्डियोवैस्कुलर सर्जन डॉक्टर श्रीराम माधव नेने से शादी की। लेकिन इस खूबसूरत रिश्ते के बनने से
पहले एक ऐसा मोड़ आया जब डॉ. नेने ने लगभग माधुरी से शादी करने का विचार ही त्याग दिया
था। दरअसल, श्रीराम नेने उस समय लॉस एंजेलिस में रहते थे और हॉलीवुड इंडस्ट्री से अच्छी तरह
वाकिफ थे। उनका अनुभव वहां के कलाकारों के साथ इतना अच्छा नहीं था कि वह किसी भी फिल्मी
व्यक्ति के साथ रिश्ता जोड़ना चाहते। उन्होंने बताया कि वह मराठी बोलते थे लेकिन हिंदी नहीं आती
थी और उन्होंने कभी हिंदी फिल्में देखी ही नहीं थीं। इस कारण जब माधुरी के नाम का प्रस्ताव आया
तो उन्होंने पहले ही यह सोच लिया था कि वह किसी अभिनेत्री से शादी नहीं करना चाहते। उनका
मानना था कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग अक्सर दिखावे में रहते हैं और ऐसे में वह एक सामान्य जीवन
की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। लेकिन चीजें तब बदलीं जब श्रीराम की मुलाकात माधुरी दीक्षित
के भाई से हुई। वह बेहद सादगीपूर्ण और डाउन टू अर्थ व्यक्ति थे, जिन्होंने श्रीराम पर सकारात्मक
प्रभाव डाला। इसी मुलाकात के बाद डॉ. नेने ने माधुरी से मिलने का फैसला किया और शायद उसी
समय उन्होंने पहली बार माधुरी दीक्षित को गूगल किया। लेकिन जब वे मिले तो माधुरी की सादगी,
विनम्रता और स्पष्टता ने उनका दिल जीत लिया। उन्होंने पाया कि माधुरी अपनी प्रसिद्धि के
बावजूद एक बेहद साधारण और समझदार इंसान हैं। डॉ. नेने ने स्वीकार किया कि माधुरी का जमीन
से जुड़ा स्वभाव, उनकी स्पष्ट सोच और फोकस्ड एटीट्यूड उन्हें बेहद पसंद आया। दोनों ने एक-दूसरे
को किसी स्टार या डॉक्टर की नजर से नहीं, बल्कि एक इंसान के रूप में देखा और यही से एक
मजबूत रिश्ता शुरू हुआ। यही वजह रही कि फिल्मी चमक-धमक के पीछे नहीं, बल्कि एक सच्चे
जीवन साथी के तौर पर माधुरी ने श्रीराम नेने को चुना और उन्होंने भी अपने मन की धारणा बदल
दी। बता दें कि माधुरी दीक्षित का नाम जब 90 के दशक में अनिल कपूर से लेकर संजय दत्त तक
कई बड़े सितारों के साथ जोड़ा जा रहा था, तब उन्होंने सबको चौंकाते हुए एक ऐसे इंसान से शादी
कर ली जो फिल्मी दुनिया से कोसों दूर था।