Sunday, June 15, 2025
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रांची :आदिवासी संगठनों के झारखंड बंद का व्यापक असर, हाईवे और सड़कों पर जाम

 रांची, 04 जून । आदिवासी संगठनों की ओर से बुधवार को बुलाए गए झारखंड बंद का

असर रांची समेत कई शहरों में व्यापक रूप से देखा जा रहा है। बंद समर्थकों ने रांची, गुमला,

रामगढ़, हजारीबाग, लातेहार और जमशेदपुर में कई स्थानों पर प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया।

इस दौरान, बाजार और दुकानें भी बंद करा दी गई हैं। बंद के मद्देनजर रांची में दो हजार से ज्यादा

पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। राज्य के अन्य इलाकों में भी पुलिस और सुरक्षा बल लगातार

गश्त पर हैं। यह बंद रांची में केंद्रीय ‘सरना स्थल’ (पूजा स्थल) के पास फ्लाईओवर का रैंप हटाने

और राज्य में आदिवासी धर्म-आस्था से जुड़े स्थलों के संरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी बचाओ

मोर्चा और सिरमटोली बचाओ मोर्चा सहित अन्य संगठनों ने आहूत किया है।

इन संगठनों का कहना है कि आदिवासियों के धर्म-आस्था से जुड़े स्थलों पर कथित रूप से अतिक्रमण

एवं अवैध कब्जा कर उनकी परंपरा को चोट पहुंचाई जा रही है। इन संगठनों को कई प्राचीन

आदिवासी धर्मस्थलों पर सरकार की ओर से कराए जा रहे निर्माण पर भी आपत्ति है। रांची शहर में

खेलगांव चौर, अरगोड़ा, मोरहाबादी, कांके, ओरमांझी, कडरू, टाटीसिलवे, रातू, मांडर सहित कई स्थानों

पर बंद समर्थक परंपरागत हथियारों और लाठी-डंडों के साथ सड़कों पर उतर आए और बांस-बल्ली

घेरकर जाम लगा दिया। सड़कों पर टायर जलाकर अवरोध उत्पन्न कर दिया गया।

गुमला जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी दूर टोटो में आदिवासी संगठन के लोगों ने गुमला और

लोहरदगा शहरों की ओर जाने वाली सड़कों को जाम कर दिया है। रामगढ़ जिले में कुजू के पास

रांची-पटना रोड को सुबह 10 बजे से जाम कर दिया गया। इस वजह से हाईवे पर वाहनों की लंबी

कतारें लग गई हैं। लातेहार जिला मुख्यालय में उदयपुरा चौक के पास एन एच 39 सड़क को जाम

कर दिया गया है। पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के घाटशिला, चाकुलिया, गालूडीह, बहरागोड़ा में बंद

समर्थक जुलूस की शक्ल में निकले और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए बाजार  करा दिए।

रांची में बंद समर्थकों की अगुवाई करते हुए पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि शहर के सिरमटोली में

आदिवासियों के सरना स्थल के फ्लाईओवर का रैंप बनाकर इसे संकुचित कर दिया गया है। इस मुद्दे

पर जनवरी से ही आदिवासी संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है, लेकिन खुद को आदिवासियों का

हितैषी कहने वाली हेमंत सरकार को इसकी परवाह नहीं है। बंद बुलाने वाले आदिवासी संगठन राज्य

में मरांग बुरू, लुगु बुरु और पारसनाथ जैसे धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, मुधर हिल्स (पिठोरिया) और

अन्य पारंपरिक स्थलों की रक्षा, तमाड़ और बेड़ो क्षेत्र के महदानी सरना स्थलों को बचाने की मांग भी

प्रमुखता से उठा रहे हैं।

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