Sunday, June 15, 2025
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राजस्थान में अरबों वर्षों पुरानी भूवैज्ञानिक विरासत

82 तरह के खनिजों में सोना-चांदी से लेकर मेसेनरी स्टोन तक उपलब्ध

जयपुर, । प्रमुख शासन सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने कहा है कि

आर्कियन, टर्शियरी, मेसोजोइक, अरावली युग सहित अरबों वर्षों की भूविज्ञानिक विरासत के चलते

राजस्थान देश का प्रमुख खनिज संपदा युक्त प्रदेश उन्होंने कहा कि राजस्थान में सीसा-जस्ता, सोना-

चांदी, कॉपर-आयरन ओरे, लाइमस्टोन के साथ ही 82 तरह के खनिज चिन्हित किये जा चुके है और

इनमें से 57 खनिजों का प्रमुखता से खनन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में माइनिंग सेक्टर का एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने की

बजटीय घोषणा के क्रियान्वयन में जयपुर में माइनिंग सेक्टर के एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना होगी

जिसमें राज्य की ऐतिहासिक और पुरातात्विक खनिज संपदा की विकास यात्रा और नमूनों को भी

वैज्ञानिक ढंग से संकलित और प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में रेयर अर्थ एलिमेंट

सहित सामरिक और आज की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण खनिज मिले हैं। इसके साथ ही कच्चे

तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है।टी. रविकान्त ने जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के

उपमहाप्रबंधक अनिंद्य भट्टाचार्य व निदेशक हरीश मिस्त्री के साथ झालाना स्थित जीएसआई

के खनिज संग्रहालय का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विभिन्न प्रकार के खनिजों

के विपुल भण्डारों को देखते हुए ही इसे म्यूजियम ऑफ माइन्स कहा जाता है।टी. रविकान्त ने

जियोलोजिकल सर्वें ऑफ इंडिया के संग्रहालय में प्रदर्शित संरक्षित चट्टानों, खनिजों, जीवाश्मों और

राजस्थान की खनिज संपदा के मानचित्रीकरण का अवलोकन किया और संग्रहालय में खनिजों के

नमूनों को देखकर उनके बारें में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने जीएसआई संग्रहालय में खनिजों,

जीवाश्मों, और नक्शों के संरक्षण, प्रदर्शन, और डॉक्यूमेंटेशन की सराहना की और इसे उपयोगी बताया।

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