मास्को, 18 अप्रैल (वेब वार्ता)। रूस ने भी तालिबान को आतंकी संगठन की सूची से हटाया दिया है और उस पर लगे प्रतिबंध भी हटा लिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कदम से अफगानिस्तान के वास्तविक शासकों के प्रति मास्को के कूटनीतिक रुख में एक अहम बदलाव का संकेत मिलता है। रूस की सर्वोच्च अदालत ने तालिबान को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने से हटा दिया जो कि अफ़गानिस्तान के शासकों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने के उद्देश्य से एक प्रतीकात्मक इशारा है। तालिबान ने अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना के हटने के बाद अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज हो गया था।2003 में लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का रूस की सर्वोच्च अदालत का फैसला तुरंत प्रभावी हो गयाऔर यह क्रेमलिन और तालिबान के बीच व्यापक जुड़ाव का मार्ग प्रशस्त करता है। बता दें अगस्त 2021 में सत्ता पर काबिज होने के बाद से किसी भी देश ने तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है लेकिन मॉस्को ने हाल के वर्षों में तालिबान के साथ अपनेसंबंधों को मजबूत किया है।रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले तालिबान को आतंकवाद से निपटने में भागीदार बतायाथा। रिपोर्ट में बताया कि रूस अब समूह के साथ सहयोग को एक रणनीतिक जरुरत के रूप में देखरहा है, खासकर चरमपंथी संगठनों से बढ़ते क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों के बीच। तालिबान अपनेमानवाधिकार रिकॉर्ड के कारण अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग है खासकर महिलाओं के अधिकारों के संबंध में। समूह ने अफगान महिलाओं पर व्यापक प्रतिबंध लगाए हैं जिसमें उन्हें माध्यमिक औरउच्च शिक्षा से प्रतिबंधित करना और पुरुष अभिभावक के बिना उनकी सार्वजनिक उपस्थिति कोसीमित करना शामिल है। तालिबान का दावा है कि उसकी नीतियां इस्लामी सिद्धांतों के अनुरूप हैं।
रूस ने तालिबान को आतंकी सूची से हटाया, दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंध होंगे मजबूत
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