इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, 23 मई ।डीसी प्रीति ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, आंगनबाड़ी वर्कर्स, आशा वर्कर्स एवं गांव के जनप्रतिनिधियों को माइक्रो स्तर पर निगरानी करनी होगी। हम सभी की जिम्मेवारी है कि गांव में लिंगानुपात ठीक हो। यदि इसकी स्थिति बिगड़ती है तो सभी की जिम्मेवारी बनती है। इसीलिए इस दिशा में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कर्मचारी जमीनी स्तर पर काम करते हुए परिणाम लेकर आएं।डीसी प्रीति जाट कॉलेज के सभागार में कम लिंगानुपात वाले दस गांवों के स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सा अधिकारियों, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं गांव के सरपंच व पंचों के लिए आयोजित चार दिवसीय चेतना एवं जागरूकता शिविर के अंतिम दिन संबोधित कर रहीं थीं। इन दस गांवों में काकौत, सांच, करोड़ा, भूना, हरसौला, नौच, पबनावा, बाता, टयोंठा व चंदाना शामिल हैं।डीसी ने कहा कि जिले में इन दस गांवों में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए सभी मिलजुल कर काम करें। सूचनाओं को साझा करें। यदि स्वयं सामने आने में सक्षम नहीं हैं तो गांवों में सुझाव पेटिकाओं में सूचना डालें या सीधा अपने चिकित्सा अधिकारियों को सूचना दें। उन्हें भी मिलकर इस संबंध में सूचना दे सकते हैं। संबंधित कर्मचारी इस बात का ध्यान रखें कि किसी का पहला बच्चा यदि बेटी है तो विशेष रूप से उन महिलाओं की निगरानी करें। क्योंकि गर्भवती महिलाओं की सूचना रजिस्टर में दर्ज हो जाती है। इसके बाद उसकी निगरानी करें कि संबंधित महिला का यदि गर्भपात हुआ है तो वह क्यों और किस जगह हुआ है। ऐसे चिकित्सकों की जानकारी जुटाएं, जो इस कार्य में लिप्त हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में भी काम करें, ताकि कोई बच्चा कुपोषित पैदा न हो। इसलिए गर्भवती महिलाओं एवं पांच साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उन्हें जागरूक करें। सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं को उन तक पहुंचाएं।उन्होंने कहा कि सरपंच अपनी जिम्मेवारी संभालें, वे गिरते लिंगानुपात को सुधारने की दिशा में स्वास्थ्य कर्मियों सहित अन्य सभी कर्मचारियों का सहयोग करें। गांवों में जागरूकता रैलियां निकालें, लोगों को नुक्कड़ सभाओं में जागरूक करें। ग्राम सभाओं में जागरूक करें। यह एक सामूहिक जिम्मेवारी है। जब सभी अपनी-अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करेंगे, तभी हम लिंगानुपात में सुधार कर पाएंगे। हमें कानूनी तंत्र व सामाजिक तंत्र को साथ लेकर इस दिशा में काम करना होगा।शिविर में भाग ले रही आशा वर्कर्स व आंगनबाड़ी वर्कर्स ने अपने अनुभव साझा किए और संकल्प लिया कि वे इस दिशा में जी-जान से काम करेंगी। इस अवसर पर गुहला एसएमओ डा. प्रीति ने कन्या भ्रुण हत्या न करने, दहेज न लेने-देने की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर डा. मीनाक्षी गोयल, डा. गौरव पूनिया, बीएसी सतबीर गोपेरा, राजेश कुमार, सभी एसएसएमओ, सरपंच पबनावा कश्मीर सिंह, सरपंच करोड़ा दिनेश कुमार, सांच के सरपंच सुरेश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।



