इंडिया गौरव ब्यूरो रमेश तंवर कैथल 26 मई । साइबर ठग लोगों को लुभावने ऑफर देकर अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में सावधानी बरतकर ही धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। कैथल पुलिस ने भी जागरूकता के लिए एडवाइजरी जारी की है। खासकर लुभावने लोन के ऑफर व अन्य ऑनलाइन गतिविधियों में ध्यान रखें। ताकि किसी भी धोखाधड़ी से सुरक्षित बचा जा सके। एसपी आस्था मोदी ने कहा कि साइबर अपराधियों से बचने के लिए खुद को जागरूक व सावधान रखने की आवश्यकता है। आज के समय ठग साइबर अपराध अलग-अलग तरीके अपनाते हैं और लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए अधिक सावधानी की जरूरत है।
ओटीपी व बैंक संबंधित जानकारी ना देः
एसपी ने कहा कि फोन में प्राप्त ओटीपी या बैंक संबंधी जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा ना करें। ना ही किसी फोन में प्राप्त किसी अंजान लिंक आदि पर क्लिक करें। सोशल मीडिया (फेसबुक तथा इंस्टाग्राम) पर प्राइवेसी सिक्योरिटी लगाकर रखे। अपने अकाउंट का मजबूत पासवर्ड बनाएं और समय-समय पर बदलते रहें।
ऑनलाइन ऐप से लोन लेते समय रहें सावधानः
अगर किसी ऑनलाइन ऐप से लोन ले रहे हैं तो सावधान रहें। क्योंकि पहले ये ऐप चंद मिनट में ऑनलाइन लोन देते हैं और लोन अप्रूवल करवाने के नाम पर एप्लीकेशन इंस्टॉल करवाकर फोन हैक कर लेते हैं। इसके बाद फोन से सभी निजी डेटा चुरा लेते हैं। इसके बाद लोन लेने वाले ग्राहक के परिजनों या दोस्तों को अश्लील मैसेज भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं। हर किसी एप्लीकेशन से लोन नहीं लेना चाहिए और लोन लेने से पहले सभी शर्तों को पढ़ना चाहिए। क्योंकि लोन अप्रूवल करवाने के लिए एप्लीकेशन इंस्टॉल करवाकर हैकर फोन का सारा डाटा चुरा लेते हैं। इन चीजों को ध्यान में रखना चाहिए। ताकि साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकें।
मनी ट्रांसफर ऐप को सावधानी से बरतेः
एसपी ने कहा कि मनी ट्रांसफर एप्लीकेशन (गूगल पे, फोन पे) आदि को सावधान पूर्वक प्रयोग करें। जब भी आप इन ऐप के द्वारा अपने बैंक की पिन डाल रहें है तो पैसा आपके खाते से किसी दूसरे के खाते में जा रहा है। इन ऐप के माध्यम से प्राप्त मनी रिक्वेस्ट आदि पर क्लिक ना करें। इसे तुरंत डिलीट कर दें। इसके अलावा किसी व्यक्ति के द्वारा बताए किसी भी ऑफर या किसी प्रकार का लालच में ना फसें। एसपी ने कहा कि अगर किसी प्रकार की ऑनलाइन ठगी हो जाती है, तो तुरन्त नेशनल साइबर ठगी शिकायत पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल करें और ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाएं। जितनी जल्दी हो सके 1930 पर शिकायत करें या फिर नजदीक पुलिस स्टेशन में जाकर साइबर हेल्प डेस्क अथवा साइबर क्राइम थाना की मदद ले सकते हैं।


