Monday, June 16, 2025
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वैशाख अमावस्या : प्रयागराज में संगम तट पर लगा श्रद्धालुओं का तांता, स्नान-दान के साथ किया पितृ तर्पण

प्रयागराज, 27 अप्रैल । हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानी रविवार को वैशाख अमावस्या है।

इस दिन को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान

और पितृ तर्पण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, पुण्य की प्राप्ति होती है, और पूर्वजों को मोक्ष मिलता है।

वैशाख अमावस्या के अवसर पर आस्था की नगरी प्रयागराज में ब्रह्म मुहूर्त से ही संगम तट पर बड़ी

संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान, दान, और पितरों के लिए तर्पण करते नजर आए। श्रद्धालुओं ने गंगा

स्नान के साथ पितरों को नमन, तर्पण और दान किया।

वैशाख महीने की अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। पितरों को खुश करके

उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। आज के दिन पिंडदान, तर्पण और दान-

पुण्य करने से पूर्वजों को खुशी मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कहा जाता है

कि अगर पितृ नाराज हो जाते हैं तो घर-परिवार पर संकट मंडराने लगते हैं। ऐसे में पितरों की

नाराजगी दूर करने के लिए खासतौर से अमावस्या पर पितरों की पूजा की जाती है।

तीर्थ पुरोहित दिनेश पांडे ने बताया कि आज वैशाख अमावस्या है। इस दिन पिंडदान करने से पितृ

प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख-शांति आती है। गंगा स्नान का आज विशेष महत्व है, क्योंकि एक

दिन के स्नान से 30 दिनों के स्नान का पुण्य प्राप्त होता है।

तीर्थ पुरोहित इंद्र मणि तिवारी बताते हैं कि वैशाख अमावस्या पितरों के लिए और स्नान-दान के लिए

बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन दान-पुण्य करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और पितर तृप्त होते हैं।

श्रद्धालु संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वैशाख अमावस्या पर गंगा स्नान से विशेष फल मिलता है।

पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 27 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 49

मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 28 अप्रैल की मध्य रात्रि 1 बजे हो जाएगा।

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