कैथल इंडिया गौरव ब्यूरो 11 अप्रैल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबद्ध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के राज्य प्रधान प्रभु सिंह, राज्य महासचिव रामपाल शर्मा, कैशियर संजीव सिंगला, वरिष्ठ उपप्रधान गुरमीत सिंह, उपमहासचिव कृष्ण नैन, संगठन सचिव सुखदर्शन सरोहा, प्रैस प्रवक्ता निशा व कार्यालय सचिव सत्यनारायण यादव ने संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि जमीनी स्तर पर किसी भी समस्या के लिए कोर्ट, सीएम, ईम, उपायुक्त शिक्षा सचिव, निदेशक, डीईओ अगर कोई फैसला कर देते हैं तब भी वह कोई मायने नहीं रखता हैं। इसके दो ही मतलब समझ में आते हैं कि या तो संबंधित वरिष्ठ ने फैसला ही दोनों हाथों में लड्डू रखने के लिए किया हैं या फिर दूसरी स्थिति हैं कि संबंधित वरिष्ठ के फैसले को नीचे के अधिकारी कुछ समझते ही नहीं हैं। ऐसा ही एक मामला डॉ. विवेक अग्रवाल, आईआरएस सचिव हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग पंचकूला ने किया है। उनके आदेश संख्या 16/24-2023 पीआरटी (एआरटी) दिनांक 11.03.2025 का हैं जिसमें संबंधित वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि उनके कार्यालय के पत्र संख्या 16/11-2011 ईटी-2(4) दिनांक 02.09.2015 के अनुक्रम में विज्ञापन संख्या 4/2009 (अनुलग्नक-1 के रूप में 977 शिक्षकों की नाम सहित सूची संलग्न की गई थी) के तहत नियुक्त जेबीटी शिक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने का निर्णय लिया है। इसको लागू करने के लिए हरियाणा राज्य के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भी लिखा गया था। परन्तु अभी तक किसी भी डीईईओ ने इस पत्र पर कार्यवाही करते हुए एफआईआर वापसी नहीं की हैं। संगठन ने सरकार से मांग की कि सभी संबंध शिक्षकों पर से एफआईआर जल्द से जल्द वापस लेकर अधिकारी अपने ही फैसले को अमल में लाएं।
शिक्षकों पर दर्ज एफआईआर जल्द वापस ले सरकार : रामपाल शर्मा
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