इंडिया गौरव ब्यूरो नई दिल्ली, 27अप्रैल । सफदरजंग अस्पताल ने अपने रोबोटिक सर्जरी कार्यक्रम में एक
बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल में 36 वर्षीय महिला की जटिल रोबोटिक सर्जरी कर विशाल
एड्रेनल ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संदीप बंसल ने बताया कि 18.2 x 13.5 सेमी का
यह एड्रेनल ट्यूमर दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर है, जिसे रोबोट द्वारा निकाला
गया। डॉ. बंसल ने कहा कि यह उपलब्धि रोबोटिक सर्जरी में सफ़दरजंग अस्पताल की विशेषज्ञता
और सभी रोगियों को निःशुल्क अत्याधुनिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए समर्पित
है। इस तरह की जटिल रोबोटिक सर्जरी सफ़दरजंग अस्पताल में निःशुल्क की जाती है, निजी क्षेत्र में
इसकी लागत लाख रुपये से अधिक होती है।
रोबोटिक सर्जरी करने वाली टीम के प्रमुख यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रोफेसर डॉ.
पवन वासुदेवा थे और उनके साथ टीम में डॉ. नीरज कुमार और डॉ. अविषेक मंडल शामिल थे। इसके
साथ एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुशील, डॉ. भव्या और डॉ. मेघा शामिल थीं।
रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रोफेसर और सर्जरी टीम के प्रमुख डॉ. पवन वासुदेवा ने बताया कि यह
प्रक्रिया काफी जटिल और जोखिम से भरी हुई थी क्योंकि ट्यूमर न केवल बहुत बड़ा हो गया था
बल्कि शरीर की तीन महत्वपूर्ण संरचनाओं यानी इंफीरियर वेना कावा, लिवर और राइट किडनी पर
भी खतरनाक तरीके से चिपक गया था। यह जरूरी था कि ट्यूमर को आसपास की महत्वपूर्ण
संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना पूरी तरह से हटाया जाए। डॉ. वासुदेवा ने कहा कि दा विंची
रोबोट के 3डी विजन और इसके निपुण रोबोटिक हाथों से जटिल सर्जरी को आमतौर पर लेप्रोस्कोपी
से संभव होने वाली तुलना में अधिक सटीकता के साथ की जा सकती है। इस मामले में, सर्जरी तीन
घंटे से अधिक समय तक चली और ट्यूमर को बिना किसी जटिलता के पूरी तरह से हटाया जा
सका। ऑपरेशन के बाद स्थिति में सुधार हुआ और मरीज को तीन दिन में छुट्टी दे दी गई।
डॉ. वासुदेव ने बताया कि अगर यह सर्जरी खुले रास्ते से की जाती, तो इसके लिए 20 सेंटीमीटर से
ज़्यादा त्वचा चीरा लगाना पड़ता और उसके बाद पूरी तरह ठीक होने में कुछ हफ़्ते लगते।