Sunday, December 28, 2025
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साइबर अपराधों से बचाव उनकी पहचान व साइबर ठगों के तरीकों के बारे में जानकारी देकर जागरूक कर रही पुलिस..

इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, 16 अप्रैल। पुलिस प्रवक्ता से प्राप्त जानकारी के अनुसार एसपी राजेश कालिया के कुशल मार्गदर्शन में जिला पुलिस की टीमें जिले में विभिन्न स्थानों पर हेल्पडेस्क लगाकर आमजन को साइबर अपराधों बारे जागरूक कर रही है। इसी कड़ी में बुधवार को एसएचओ थाना साइबर क्राइम पीएसआई शुभ्रांशु की अगुवाई में पुलिस टीम द्वारा कमेटी चौकी, बस अड्डा कैथल, कोर्ट परिसर व सचिवालय में जागरूकता अभियान चलाया गया। टीमों द्वारा लोगों को साइबर अपराधी किस प्रकार से साइबर अटैक करके लोगों को अपना शिकार बनाते है तथा उन्हें मानसिक, आर्थिक व सामाजिक नुकसान पहुँचाते है के बारे में जानकारी देकर इन अपराधों से कैसे बचाव करें इत्यादि के बारे में बताकर जागरूक किया गया व साइबर अपराध का शिकार होने पर अपना शिकायत तुरन्त साइबर अपराध की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर देना सुनिश्चित करने के बारे में भी बताया गया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इस दौरान जानकारी दी गई कि आधुनिकता के युग में आज हर क्षेत्र का डिजिटलीकरण हो गया है। जिसके कारण आम नागरिकों को जहां इस कारण बहुत लाभ हुआ है वही अपराधी किस्म के लोग इसमें सेंध लगाकर साइबर क्राइम कर आम जनता के साथ रोज नित नए तरीके अपनाकर फ्रॉड कर रहे हैं । इन्हें रोकने के लिए हम सबको मिलकर सांझे प्रयास करने होंगे । उन्होंने आमजन से भी अपील की, कि वे किसी भी प्रकार से प्राप्त हुए लिंक को ना खोले और किसी भी फोन कॉल, संदेश, ईमेल इत्यादि पर दिए गए प्रलोभन या विश्वास में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करे । उन्होंने बताया की आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो आप उसे अपनी कोई भी जानकारी ना दें । उन्होंने बताया कि साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग । बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं । साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं । वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारियां जुटा लेते हैं । उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाते हैं । वो उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं । ऐसे में विधार्थियों एवं आमजन को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें। अगर लापरवाही के कारण कोई साइबर ठगी का शिकार हो भी जाता है तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन न. 1930 अपनी शिकायत दर्ज करवाएं ।
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