इंडिया गौरव ब्यूरो राहुल सीवन,2 जून। खेती को बनाएं मुनाफे का सौदा : विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत गांव-गांव जाकर वैज्ञानिक दे रहे नई तकनीकों की जानकारी इंडिया गौरव, राहुल सीवन।किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय में बदलने के उद्देश्य से विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सीवन ब्लॉक के गांव लदाना चक्कू, सैर, पाबसर, कवारतन व रसूलपुर में किसान गोष्ठियों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को आधुनिक तकनीक, उन्नत बीजों, फसल विविधीकरण और वैज्ञानिक खेती के तरीकों की जानकारी दी।कार्यक्रम में कृषि, बागवानी, पशुपालन व मत्स्यपालन जैसे विषयों को भी शामिल किया गया और हाल के वर्षों में हुए नवीनतम शोधों को सरल भाषा में समझाया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किस प्रकार किसान मेहनत और तकनीक के मेल से खेती को लाभकारी बना सकते हैं।
किसानों ने भी पूछे सवाल
गोष्ठियों में किसानों ने उत्साह के साथ भाग लिया और वैज्ञानिकों से खेती से जुड़े कई सवाल पूछे। किसानों को यह जानकारी दी गई कि कौन-कौन से उन्नत बीज उनके इलाके की मिट्टी और जलवायु के अनुसार उपयुक्त हैं और कौन सी फसलें बाजार मांग के अनुसार अधिक लाभ दे सकती हैं।
वैज्ञानिकों ने दिए जमीनी समाधान
गांवों में कलर जमीन की समस्या को लेकर केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी ने विशेष समाधान बताए। किसानों ने भी इन उपायों को अपनाने की सहमति जताई, जिससे भविष्य में इन जमीनों का उपजाऊ बनना संभव हो सकेगा।
कृषि मंत्रालय की पहल से गांवों तक पहुंच रहा शोध
उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. कंचन कुमारी ने कहा कि यह अभियान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उनका लक्ष्य है कि शोध संस्थानों में किए गए प्रयोगों और परिणामों को खेतों तक पहुंचाया जाए, ताकि किसान तकनीक का लाभ उठाकर समृद्ध बन सकें।
संस्थानों की रही महत्वपूर्ण भूमिका
कार्यक्रम में एनडीआरआई, भारतीय गेहूं एवं जौं अनुसंधान संस्थान, तथा केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने बहुपयोगी सुझाव सांझा किए।इस अवसर पर कृषि विभाग चीका से ब्लॉक कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, बीटीएम, कृषि सुपरवाइजर, कृषि विज्ञान केंद्र कैथल से डॉ. प्रशांत कौशिक व डॉ. दीपक कुमार, सभी संबंधित गांवों के सरपंच, प्रगतिशील किसान और सैकड़ों ग्रामीण किसान मौजूद रहे।


