कहा सेवा और संयम से मिलता है मोक्ष का मार्ग
इंडिया गौरव ब्यूरो सीवन, राहुल 06 जून। सीवन, राहुल आज निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर सीवन नगर श्रद्धा, भक्ति और सेवा की मिसाल बनकर उभरा। नगर के प्रमुख मार्गों, चौराहों और मंदिर परिसरों में जगह-जगह छबीलें लगाई गईं, जहां राहगीरों को शीतल जल, शरबत, फल व प्रसाद वितरित किया गया। समाजसेवियों, युवाओं, महिलाओं और बच्चों ने पूरी श्रद्धा से सेवा करते हुए पुण्य अर्जित किया।समाजसेवी संगठनों, धार्मिक समितियों और मंदिरों द्वारा आयोजित इन छबीलों ने न केवल श्रद्धालुओं को जल पिलाया, बल्कि जनमानस में सेवा और धर्म के प्रति आस्था को भी प्रगाढ़ किया। पूरे नगर में निर्जला एकादशी के इस पर्व को श्रद्धा, सेवा और उत्साह के साथ मनाया गया।समाजसेवी शुभम के निवास पर पुजारी गौरव मिश्रा ने निर्जला एकादशी के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह एकादशी सभी 24 एकादशियों में सबसे कठिन मानी जाती है क्योंकि इसमें जल तक का सेवन नहीं किया जाता। यह व्रत संकल्प, आत्म संयम और भक्ति का प्रतीक है।उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि इस दिन जल, भोजन और फल का दान करने से न केवल पापों का क्षय होता है बल्कि व्यक्ति को मोक्ष की ओर अग्रसर होने का अवसर मिलता है। सेवा और दान इस व्रत की आत्मा हैं। उन्होंने युवाओं को धर्म के मार्ग पर चलने और सामाजिक कार्यों में भाग लेने का भी आह्वान किया।गौरव मिश्रा ने उदाहरणों सहित बताया कि कैसे प्राचीन काल से लेकर आज तक निर्जला एकादशी का व्रत आत्मशुद्धि और लोक कल्याण का माध्यम बना है। कार्यक्रम में भजन-कीर्तन के साथ वातावरण भक्तिमय हो गया । इस अवसर पर अशोक, सुमन, पूनम, रिंपी, संतोष, एकता, नीलम, वीना सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।