माता श्रीमती कृष्णा देवी की प्रेरणा बनी मिसाल..
इंडिया गौरव, राहुल 2 जून सीवन। 45 वर्षीय लायन गुलशन चुघ ने 72वीं बार रक्तदान कर समाजसेवा की एक अनूठी मिसाल पेश की है। गुलशन ने बताया कि उन्होंने पहली बार रक्तदान वर्ष 1999 में अपनी स्वर्गीय माता श्रीमती कृष्णा देवी के लिए किया था।उस समय रक्त की उपलब्धता ना होने पर उन्होंने स्वयं रक्त देकर अपनी मां की जान बचाने की कोशिश की। इसी घटना से प्रेरित होकर उन्होंने संकल्प लिया कि जीवनभर नियमित रक्तदान करते रहेंगे। गुलशन चुघ का यह संकल्प आज भी उतनी ही दृढ़ता से कायम है। अब तक वे 72 बार रक्तदान कर चुके हैं, जो समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने दिल्ली, रोहतक, पेहोवा, कुरुक्षेत्र, पानीपत, गोहाना जैसे शहरों में रक्तदान किया है। उनके पास 50 से अधिक रक्तदान प्रमाण पत्र भी मौजूद हैं। वे बताते हैं कि कई बार सीधा मरीज को रक्तदान करने पर प्रमाणपत्र नहीं मिल पाता। फिर भी उन्होंने बिना किसी प्रमाण के भी निस्वार्थ भाव से रक्तदान जारी रखा। गुलशन चुघ का मानना है कि रक्तदान सबसे बड़ा मानव सेवा का कार्य है। उनकी यह सोच युवा पीढ़ी को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करती है। वे सामाजिक आयोजनों और आपातकालीन स्थितियों में हमेशा तत्पर रहते हैं। रक्त की आवश्यकता पड़ते ही वे हर संभव मदद करने को तैयार रहते हैं।उनकी माता श्रीमती कृष्णा देवी की प्रेरणा आज भी उनके जीवन की दिशा तय करती है।गुलशन चुघ का संकल्प और समर्पण समाज के लिए एक जीवंत उदाहरण है। उनके इस योगदान को विभिन्न संस्थाओं ने समय-समय पर सम्मानित भी किया है। लायन गुलशन चुघ आज एक नाम नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और प्रेरणा का प्रतीक बन चुके हैं।