नई दिल्ली, 24 मई । दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने वर्ष 2019 में दर्ज एक मामले में
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं के खिलाफ कार्यवाही
को आगे बढ़ाते हुए फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) से रिपोर्ट तलब की है। यह मामला
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़ा है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नेहा मित्तल ने एफएसएल निदेशक को नोटिस
जारी किया है और संबंधित थाना प्रभारी (एसएचओ) को आदेश दिया है कि फोरेंसिक रिपोर्ट की
प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। कोर्ट ने साफ किया है कि रिपोर्ट आने के बाद ही इस
मामले में आगे की कार्रवाई संभव होगी। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 जून
तय की है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि एक
महत्वपूर्ण सीडी एफएसएल को जांच के लिए भेजी गई है और उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।
रिपोर्ट के आधार पर ही केस में आगे बढ़ा जाएगा।
2019 में बैनर और होर्डिंग्स लगाने का आरोप
यह मामला 2019 का है, जब एक शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अरविंद केजरीवाल,
मटियाला से पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की पार्षद नितिका शर्मा ने सार्वजनिक
स्थलों पर बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग्स लगाकर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। शिकायत में यह
भी कहा गया था कि इन बैनरों पर नेताओं की तस्वीरें और नाम थे, और इन्हें बिना इजाजत कई
सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोपों के समर्थन में कोर्ट में टाइमस्टैम्प
सहित फोटो और वीडियो सुबूत भी पेश किए थे, जिससे कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया।
पहले खारिज हुई थी शिकायत, फिर हुआ दोबारा विचार
इस मामले में पहले सितंबर 2022 में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शिकायत को खारिज कर दिया था।
हालांकि, जनवरी 2025 में सत्र न्यायालय ने उस आदेश को रद्द कर दिया और मजिस्ट्रेट कोर्ट को
मामले पर फिर से विचार करने के लिए कहा। इसके बाद कोर्ट ने 11 मार्च 2025 को दिल्ली संपत्ति
विरूपण निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया।


