नई दिल्ली, 17 मई । पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से लगते बॉर्डर
की सुरक्षा को दुरुस्त करने की कवायद शुरू कर दी गई है भारत बॉर्डर इलाकों में ऐसी व्यवस्था करने
जा रहा है, जिससे पाकिस्तानी फौज और आतंकवादियों के लिए घुसपैठ करना मुश्किल हो जाएगा
इसके साथ ही बॉर्डर पर चौबीसों घंटे तैनात रहने वाले बीएसएफ जवानों के लिए अपग्रेडेड पोस्ट की
व्यवस्था भी की जाएगी सरकार ने इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का फंड जारी करने के प्रस्ताव को
हरी झंडी दिखा दी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने सीमा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण
बुनियादी ढांचे को तेजी से विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है इसका उद्देश्य
राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और घुसपैठ की घटनाओं को रोकना है हाल ही में हुई उच्च स्तरीय
बैठकों के बाद इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाए गए हैं फाइनेंस और होम मिनिस्ट्री संयुक्त रूप
से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, बाड़बंदी और निगरानी प्रणाली जैसी परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के
लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं लगभग 1,500 करोड़ रुपये की लागत से ये परियोजनाएं लागू
की जा रही हैं इसमें 500 किलोमीटर से अधिक की मौजूदा सीमा बाड़ को हाई क्वालिटी, मल्टीलेयर
और मॉड्यूलर सामग्री से बदला जाएगा यह कदम राजौरी और पुंछ में हाल ही में हुए आतंकी हमलों
के मद्देनजर उठाया गया है। बुलेटप्रूफ सेंट्री पोस्ट भी बनाए जा रहे
हाई-लेवल एंपावर्ड कमेटी ने जम्मू-कश्मीर के सांबा, इंद्रेश्वर नगर और कठुआ, पंजाब के फिरोजपुर
और अबोहर क्षेत्रों में बॉर्डर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है इनमें बॉर्डर आउट पोस्ट को मुख्य सीमा से
जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण भी शामिल है, जिससे सुरक्षाबलों की आवाजाही तेज हो सकेगी इसके
अलावा सीमा सुरक्षा बल के जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ सेंट्री पोस्ट भी बनाए जा रहे हैं
पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा की गई अकारण गोलीबारी की घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है
राजस्थान में विशेष रेतीले इलाकों के लिए लेयर्ड फेंसिंग, वॉल फेंसिंग, हाई-पावर एलईडी लाइट्स और
बख्तरबंद भूमिगत केबलिंग पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
जवानों के लिए पेयजल की व्यवस्था
बॉर्डर पर तैनात जवानों को पीने के पानी की आपूर्ति में हो रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए
160 करोड़ रुपये की लागत से नई वॉटर स्टोरेज और सप्लाई सिस्टम भी तैयार की जा रही है अभी
तक इन इलाकों में अस्थायी टैंकरों से पानी पहुंचाया जाता था, जो महंगा और अस्थिर समाधान था
सरकार के इन प्रयासों को भारत की सीमा सुरक्षा नीति में एक रणनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा
रहा है पारंपरिक घुसपैठ के साथ-साथ नई चुनौतियों से निपटने के लिए यह पहल सुरक्षा के प्रति
सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है इन परियोजनाओं के तेज़ी से क्रियान्वयन से सीमावर्ती क्षेत्रों में
सुरक्षात्मक तैयारियों को एक नई मजबूती मिलेगी।

