इंदौर, 11 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज आयोजित एक
गरिमामय कार्यक्रम में इंदौर के सिरपुर स्थित देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में स्वामी विवेकानंद की
विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापना के लिए भूमि-पूजन किया। महापुरुषों के जीवन दर्शन को नई
पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है। यह भव्य प्रतिमा स्वामी
जी की शिक्षाओं और दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बनेगी।
डॉ यादव ने कहा कि भारत में संत परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है और उनमें से स्वामी विवेकानंद
विलक्षण संत थे। उन्होंने निराकार ईश्वर के उपासक के रूप में मानवता की सेवा को अपने जीवन का
उद्देश्य बनाया। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि मैं देखूंगा तो ही मानूंगा जो उनके तर्कशील
और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शरीर के
माध्यम से जीवन सेवा का मंत्र दिया और आत्मनिर्भरता का आशीर्वाद प्राप्त कर मृत्यु पर विजय
प्राप्त की। उन्होंने दुर्बलता और हीनता को जीवन का हिस्सा मानने से इनकार करते हुए इसे मृत्यु के
समान बताया। उनका विश्वास था कि साहस, सामर्थ्य और आत्मबल के सहारे व्यक्ति सभी
कमजोरियों को पार कर सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण जीवन त्याग, सेवा और आत्मबोध का
प्रतीक था। शिकागो धर्म संसद में दिया गया उनका ऐतिहासिक भाषण ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना
का जीवंत उदाहरण है, जिसने विश्व पटल पर भारत की संस्कृति और अध्यात्म का ध्वज लहराया।
उन्होंने जीवन को अंदर से बाहर की ओर विकसित करने का मंत्र दिया और कर्म को ही साधना
बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आह्वान किया कि स्वामी विवेकानंदजी के सिद्धांत और विचार आज
भी अत्यंत प्रासंगिक हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना
चाहिए, ताकि समाज का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। यह मूर्ति स्थापना इस दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा
स्थापित करने के साथ ही यहां पर लाइब्रेरी की भी स्थापना की जाए, जिसमें स्वामी विवेकानंद से
संबंधित साहित्य हो। इससे युवाओं को जीवन में सफलता के लिये मार्गदर्शन मिलेगा और जीने की नई राह मिलेगी।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह प्रतिमा न केवल युवाओं को स्वामी विवेकानंद के विचारों से
अवगत कराएगी, बल्कि उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए भी प्रेरित करेगी। स्वामी जी के आदर्श
आज के युवाओं के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं और यह स्मारक उनके विचारों को स्थायी रूप देगा।
जल संसाधन मंत्री श्रीतुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्पमित्र भार्गव,
विधायकगण श्रीमती मालिनी गौड़, श्री रमेश मेंदोला तथा श्री राकेश शुक्ला, पूर्व विधायक श्री जीतू
जिराती और श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री सुमित मिश्रा सहित प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
निर्माण और विकास कार्य
प्रतिमा का निर्माण देश के ख्यातिप्राप्त मूर्तिकार श्री नरेश कुमावत द्वारा किया जाएगा, जिन्होंने
देशभर में कई प्रतिष्ठित मूर्तियाँ निर्मित की हैं। प्रतिमा स्थल पर स्वामी विवेकानंद जी के जीवन
और विचारों पर आधारित एक विशेष गैलरी भी स्थापित की जाएगी, जहाँ चित्रों, दस्तावेज़ों और
डिजिटल माध्यमों से युवाओं को प्रेरित किया जाएगा। यह स्थान इंदौर के लिए एक नई पहचान,
सांस्कृतिक गौरव और पर्यटन विकास का केंद्र बनेगा।
निर्मित होने वाली प्रतिमा की संरचनात्मक आधार सहित कुल ऊँचाई लगभग 52 फीट होगी। इसके
निर्माण में लगभग 14 टन विभिन्न धातुओं के मिश्रण का उपयोग किया जाएगा, जो जलवायु
प्रतिरोधी और दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए उपयुक्त होगा।