
कहा : राजेश पायलट का राष्ट्र सेवा एवं जनकल्याण सर्वप्रथम लक्ष्य रहा
ढांड, 11 जून । पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं किसान नेता राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर नई अनाज मंडी ढांड में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सदस्य रामचंद्र गुर्जर ढांड के प्रतिष्ठान पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्यातिथि के रूप में गुर्जर धर्मशाला कुरुक्षेत्र के प्रधान ऋषिपाल कसाना ने शिरकत की। जबकि अध्यक्षता हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी सदस्य रामचंद्र गुर्जर ढांड ने की। प्रधान ऋषिपाल कसाना, रामचंद्र गुर्जर व अन्य गण्यमान्य लोगों ने राजेश पायलट के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन कर याद किया।
कांग्रेसी नेता रामचंद्र गुर्जर ढांड ने कहा कि स्व. राजेश पायलट सभी समाजों में आपसी सद्भावना व सहयोग के प्रतीक थे। राष्ट्र सेवा एवं जनकल्याण उनका सर्वप्रथम लक्ष्य रहा है। अपने सिद्धांतों पर अडिग़ रहते हुए आजीवन लोगों के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने कहा कि आमजन के दिलों में उनके प्रति आज भी बड़ा आदर है तथा उनके द्वारा किए कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। राजेश पायलट की कार्यशैली व ईमानदारी का सभी राजनेता आज भी सम्मान करते है।
स्व. राजेश पायलट किसान, गरीब, मजदूर और पिछड़े वर्ग के लोगों को हमेशा मुख्यधारा में लाने की विचारधारा के पक्षधर रहे और उनके द्वारा देश निर्माण में कई महत्वपूर्ण कार्य योगदान के रूप में आज भी याद किए जाते हैं। कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामचंद्र गुर्जर ने कहा कि देश का युवा, किसान, पिछड़ा वर्ग स्व. राजेश पायलट को अपना आदर्श मानता है।
स्व. राजेश पायलट किसानों व मजदूरों के सच्चे हितैषी थे। किसानों की मांगों को उन्होंने न सिर्फ प्रमुखता से रखा बल्कि उन्हें पूरा भी कराया। उन्होंने कहा कि राजेश पायलट की सोच थी कि जब किसान और मजदूर के बच्चे पढ़ लिखकर उन कुर्सियों तक पहुंचेंगे जहां से नीतियां बनती और क्रियान्वित होती है तब भारत का सही मायनों में विकास होगा।
राजनीति के 20 साल के जीवन में उन्होंने अनेकों योजनाओं से देश की जनता को लाभान्वित किया। रामचंद्र गुर्जर ने कहा कि स्व. राजेश पायलट के पुत्र सचिन पायलट अपने पिता के दिखाए मार्ग व उनके आदर्शों को जीवन में ग्रहण कर किसान, मजदूरों, पिछड़ा वर्ग सहित हर वर्ग के हितों की रक्षा कर उनके साथ कंधो से कंधा मिलाकर चल रहे है।
इस मौके पर रामस्वरूप गांगल, संदीप सादा, हुसन कठवाड़, सूरत सिंह, चांदी राम भटेड़ी, बनारसी मुंडन, विक्की ढांड आदि मौजूद थे।

