इस्लामाबाद, 28 अप्रैल (वेब वार्ता)। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को पूरा भरोसा हो गया है कि
भारत उसे छोड़ेगा नहीं। इसी डर के कारण पाकिस्तान के नेता मंत्रियों को सुधबुध खराब हो गई है।
वे अनाप शनाप कुछ भी बक रहे हैं। पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीज ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जांच की
मांग की और खुद को निर्दोष बताया। अब उससे आगे उनके गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि
भारत ही तो जो पाकिस्तान में आतंकवाद फैला रहा है।
जब से पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आई है। वह डैमेज कंट्रोल करने
और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गिरती छवि सुधारने के लिए भारत पर आरोप मढ़ने वाली पुरानी
नीति पर उतर आया है। शहबाज शरीफ ने कहा, पहलगाम की त्रासदी भारत की पुरानी दोषारोपण
नीति का हिस्सा है। पाकिस्तान एक जिम्मेदार मुल्क होने के नाते किसी भी निष्पक्ष, पारदर्शी और
विश्वसनीय जांच में शामिल होने के लिए तैयार है। रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने
प्रेस कॉन्फ्रेंस में और भी तीखा हमला बोला, भारत पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल
है। हम किसी भी रूप में आतंकवाद की निंदा करते हैं, लेकिन अगर किसी ने पाकिस्तान को नुकसान
पहुंचाने की कोशिश की, तो 240 मिलियन पाकिस्तानी आखिरी सांस तक लड़ने के लिए तैयार हैं।
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तान के साथ अपने व्यापार और कूटनीतिक संबंधों
को सीमित कर दिया। जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों और
उड़ानों को निलंबित करने का ऐलान किया है। पाकिस्तान ने गीदड़भभकी देते हुए कहा कि अगर
भारत ने जल प्रवाह को रोकने या मोड़ने की कोशिश की, तो पूरा बल और ताकत से जवाब दिया
जाएगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है और सभी देशों से
सहयोग कर अपराधियों को सजा दिलाने की अपील की है। सऊदी अरब और ईरान ने भारत और
पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई
कि भारत और पाकिस्तान खुद समाधान निकाल लेंगे, लेकिन साथ ही भारत को अपना पूर्ण समर्थन
देने का वादा भी किया। पहलगाम हमले के बाद से नियंत्रण रेखा पर लगातार दूसरे दिन भारत और
पाकिस्तान के सैनिकों के बीच गोलीबारी हुई।