चंडीगढ़, 23 मई । हरियाणा पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई (एएचटीयू) ने 1
जनवरी से 31 मार्च के दौरान 3,406 गुमशुदा लोगों की तलाश कर उन्हें उनके परिजनों से मिलवाने
में सफलता हासिल की है। बृहस्पतिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
पुलिस की इस कार्रवाई से राज्य में गुमशुदगी मामलों की कुल बरामदगी दर 78.1 प्रतिशत है।
बयान के अनुसार, पिछले 18 महीनों के दौरान यूनिट ने वर्षों से लापता चल रहे लोगों को उनके
परिवारों से मिलाया है। इस अवधि में 20 वर्षों से अधिक समय से लापता 44 वयस्कों और बच्चों
को उनके परिजनों से मिलाया गया।
इसके अलावा 16 वर्षों से अधिक समय से लापता 22, 11 वर्षों से अधिक समय से लापता 47 और
6 वर्षों से अधिक समय से लापता 54 लोगों की तलाश कर उन्हें उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
बयान के अनुसार, ‘ये मामले बेहद जटिल थे जिनमें दशकों पुरानी गुमशुदगियां, अस्पष्ट पहचान,
दस्तावेजों की कमी जैसी चुनौतियां थीं।’
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने कहा कि किसी गुमशुदा बच्चे या व्यक्ति
की सुरक्षित वापसी केवल एक केस फाइल का बंद होना नहीं है, बल्कि यह उस परिवार के पूरा होने
की संतुष्टि है।
उन्होंने कहा कि एएचटीयू केवल कानूनी दायित्व नहीं बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए
आशा का प्रतीक बन चुका है।
उन्होंने कहा, “हरियाणा पुलिस का यह मॉडल अब अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बन रहा है।”
बयान में यह भी कहा गया कि शिकायतों में 100 प्रतिशत प्राथमिकी दर्ज की जा रही हैं, जिससे न
केवल राज्य से बल्कि पड़ोसी राज्यों और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से भी लगभग 80 प्रतिशत गुमशुदा
लोगों को सफलतापूर्वक वापस लाया गया है।
कुछ मामलों में लापता व्यक्ति मूक-बधिर या मानसिक रूप से अस्वस्थ थे, जिन्हें तलाशना अधिक
चुनौतीपूर्ण था। लेकिन तकनीक की मदद से पुलिस ने ऐसे मामलों में सफलता हासिल की।
वर्ष 2023 में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) में गुमशुदगी मामलों की कुल
बरामदगी दर 93.11 प्रतिशत, धारा 366 (महिला का अपहरण/प्रलोभन) में 95.83 प्रतिशत और धारा
366ए (नाबालिग लड़की की तस्करी) में 92.08 प्रतिशत रही।
वर्ष 2024 में भी यह दर लगातार उच्च रही। भारतीय दंड संहिता की धारा 363 में 88.89 प्रतिशत,
धारा 366 में 90.45 प्रतिशत और धारा 366ए में 89.30 प्रतिशत, धारा 346 (गुमशुदगी) के तहत
वर्ष 2023 में गुमशुदगी मामलों की कुल बरामदगी दर 87.17 प्रतिशत और 2024 में 84.75% रही।
वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कुल 4,361 मामलों में से 3,406 गुमशुदा व्यक्तियों को ढूंढा गया
और उनके परिवारों से मिलवाया गया, जिससे कुल बरामदगी दर 78.1 प्रतिशत रही।
बयान में कहा गया है कि हरियाणा पुलिस मिशन मोड पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों
की रोकथाम, पीड़ितों की सुरक्षित वापसी और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिए
कार्य कर रही है, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था और मजबूत हो रही है।