मुंबई, 25 मई । वर्तमान में समाज में कई बार विचलित करने वाली ख़बरें सुनने को
मिलती है कि अच्छे समय में भी दंपत्ति एक निश्चित समय के बाद एक-दूसरे को छोड़ रहे हैं। लेकिन
एक ऐसा भी मामला सामने आया है जब एक वृद्ध व्यक्ति ने अपने जीवनसाथी के प्रति उदारता
और प्रेम का एक आदर्श उदाहरण स्थापित किया है। जी हाँ, 82 साल के सदानंद करंदीकर जैसे
दानशील शख्स ने अपनी पत्नी की याद में अपने जीवन भर की कमाई समाज को समर्पित कर दी
है। सदानंद करंदीकर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री राहत कोष और प्रधानमंत्री राहत
कोष के लिए कुल 20 लाख रुपये के दो चेक सौंपे। मूल रूप से सिंधुदुर्ग जिले के आचरा के रहने
वाले सदानंद करंदीकर 82 साल के हैं। वह फिलहाल अपनी बहन प्रभा श्रीराम शितुत के साथ रहते
हैं। वह कुछ साल पहले एक निजी कंपनी से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी पत्नी सुमति करंदीकर सरकारी
सेवा से सेवानिवृत्त हो चुकी थीं। चूंकि उनकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए सेवानिवृत्ति के बाद यह
दंपति नेरुल स्थित आनंद वृद्धाश्रम में रहने लगे। करंदीकर की पत्नी की पिछले वर्ष अगस्त में कैंसर
से मृत्यु हो गई थी। अपनी पत्नी के कैंसर के इलाज के दौरान, उन्होंने स्वयं देखा था कि अन्य
कैंसर रोगियों के रिश्तेदारों को इलाज के लिए धन जुटाने हेतु कितनी जद्दोजहद करनी पड़ती है।
इसलिए उन्होंने बिना किसी शोर-शराबे के गुरुवार को राहत कोष में 20 लाख रुपये की बड़ी रकम
दान कर दी ताकि इसका इस्तेमाल मरीजों के इलाज में किया जा सके। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस
और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने करंदीकर की उदारता की सराहना की और चेक स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी कहा कि करंदीकर की संवेदनशीलता और उदारता अनुकरणीय है।