ड्राफ्ट हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) नीति 2025 तथा
हरियाणा एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 (ड्राफ्ट) पर आयोजित हुई हितधारक परामर्श बैठक
गुरुग्राम, 17 मई । हरियाणा में उद्योग जगत से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करने और नीतियों को अधिक प्रभावशाली व व्यावहारिक बनाने की दिशा में हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे सराहनीय प्रयासों के क्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को गुरुग्राम में हितधारक परामर्श बैठक का आयोजन किया गया। हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) नीति 2025 (ड्राफ्ट) तथा हरियाणा एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 (ड्राफ्ट) पर हितधारकों के साथ यह परामर्श बैठक स्थानीय पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित की गई थी। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी नितिन बंसल, कैबिनेट मंत्री के एडवाइजर वीरेंद्र सिंह, विभाग के संयुक्त निदेशक ईश्वर सिंह यादव, उपनिदेशक बृजपाल भी मौजूद रहे। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने परामर्श सत्र में राज्य की आर्थिक नीतियों और औद्योगिक रणनीतियों पर उद्योग प्रतिनिधियों से संवाद कर उद्योग-संचालित नीति पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। यह आर्थिक विकास, वैश्विक प्रतिस्पर्धा और व्यापार में सुगमता को सुनिश्चित करेगा।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हरियाणा में पिछले 10 वर्षों से औद्योगिक क्षेत्र में पुरानी परिपाटी बदलने का क्रम निरन्तर जारी है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर जिस प्रकार का माहौल है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि जिस देश में उद्योग फले फूलेंगे, वहीं देश आर्थिक उन्नति करेगा। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति में आपकी सहभागिता महत्वपूर्ण है। हरियाणा सरकार भविष्य में भी इसी तरह हितधारकों से सतत संवाद बनाए रखते हुए राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है।राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा नीति बदलाव की प्रक्रिया निरन्तर जारी है। सरकार का प्रयास है कि उद्योग अनुकूल नीतियों को इस प्रकार का स्वरूप दिया जाए कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस क्षेत्र से जुडक़र देश व प्रदेश की उन्नति में अपना योगदान दे। उन्होंने हितधारकों को आश्वस्त किया कि उनकी रचनात्मक प्रतिक्रियाओं और सुझावों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर उन्हें अंतिम नीतियों में सम्मिलित किया जाएगा। इससे न केवल हरियाणा की औद्योगिक स्थिति और सुदृढ़ होगी, बल्कि राज्य को औद्योगिक अग्रणी के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगा। बैठक में मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी नितिन बंसल ने बताया कि मेक इन इंडिया अभियान के अनुरूप हरियाणा इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) नीति राज्य को नवाचार, उन्नत बुनियादी ढांचे और कौशल विकास के माध्यम से एक अग्रणी ईएसडीएम हब के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है। हरियाणा एवीजीसी-एक्सआर नीति 2025 (ड्राफ्ट) 2025 घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन, कौशल प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचा सहायता के माध्यम से बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है। बैठक के दौरान राज्य के प्रमुख उद्योगों, व्यापारिक संगठनों एवं संस्थागत प्रतिनिधियों ने हरियाणा सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व एवं उद्योगोन्मुख पहलों की सराहना की।