दुबई(ईएमएस)। दुबई के क्राउन प्रिंस, उपप्रधानमंत्री और यूएई के रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन
राशिद अल मकतूम ने भारत वालों को एक ऐसा गोल्डन गिफ्ट दिया है, जिसे पाने वाला हर शख्स उन्हें
ताउम्रशुक्रिया कहेगा। हालांकि यह गोल्डन गिफ्ट उन्हें तभी नसीब होगा, जब वह क्राउन प्रिंस की ओर से रखी
गई एक खास शर्त को पूरा करेंगे। बता दें कि यूएई के हेल्थ सेक्टर में करीब एक लाख से 1.50
लाख भारतीय प्रोफेशनल काम कर रहे हैं, जिनमें डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन और
अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 15 हजार भारतीय डॉक्टर यूएई के
हॉस्पिटल अस्पतालों और क्लीनिकों में काम कर रहे हैं। वहीं, 70 हजार से अधिक भारतीय नर्स यूएई
के नर्सिंग फोर्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
दरअसल, यहां पर बात दुबई हेल्थ सर्विस में सेवाएं दे रहे नर्सिंग स्टाफ की हो रही है। क्राउन प्रिंस
ने यूएइई की हेल्थ सर्विस की क्वालिटी को बेहतर करने में अहम योगदान देने वाले नर्सिंग स्टाफ
को गोल्डन तोहफा देने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत, इन सभी नर्सिंग स्टाफ को
गोल्डन वीजा से नवाजा जाएगा। हालांकि इस गोल्डन वीजा के लिए वही नर्सिंग स्टाफ काबिल
माने जाएंगे, जिन्होंने इस क्षेत्र में 15 साल से अधिक का योगदान दिया है।
इस बाबत, प्रिंस शेख हमदान का कहना है कि नर्सिंग स्टाफ न केवल हेल्थ सिस्टम की रीढ़ हैं,
बल्कि स्वस्थ समाज व बेहतर जीवन की दृष्टि को साकार करने में अहम योगदान दे रहे हैं। मरीजों
की देखभाल और दूसरों की भलाई के लिए उनकी निष्ठा की सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा
कि दुबई उनके इस योगदान को महत्व देता है और समर्पण से सेवा करने वालों का सम्मान करता
है। प्रिंस शेख हमदान ने यह निर्देश 12 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर
पर दिया है।गोल्डन वीजा नर्सिंग कर्मचारियों को दुबई में लंबे समय तक रहने और काम करने का
अवसर देगा। यह पहल न केवल उनके प्रयासों को मान्यता देती है, बल्कि दुबई के स्वास्थ्य क्षेत्र को
और मजबूत करने में भी मदद करेगी।