टोक्यो (वेब वार्ता)। जापान के प्रसिद्ध उकीयो-ए (लकड़ी पर छपी पारंपरिक चित्रकला) की
एक बेहद दुर्लभ पेंटिंग ‘यंग वुमन ब्लोइंग ए पॉप्पिन लगभग 43 वर्षों बाद दोबारा खोजी गई है। यह
जानकारी टोक्यो नेशनल म्यूजियम ने दी है। यह कलाकृति 20 मई से टोक्यो के उएनो पार्क में
स्थित टोक्यो नेशनल म्यूजियम में चल रही विशेष प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जाएगी। यह खोज न
केवल जापानी कला के इतिहास में अहम मानी जा रही है, बल्कि भारतीय कला प्रेमियों और
शोधकर्ताओं के लिए भी एक दुर्लभ अध्ययन का अवसर हो सकती है। कलाकार किटागावा उतामारो
को 1792 के आसपास उकीयो-ए शैली में सुंदर महिलाओं के चित्रण के लिए लोकप्रियता मिली थी।
यह कलाकृति 1980 के दशक की शुरुआत में पेरिस में नीलाम हुई थी, जिसके बाद इसका कोई
अता-पता नहीं था। म्यूजियम की शोधकर्ता काना मुरासे के अनुसार, ‘प्रिंट को बहुत अच्छी तरह से
संभालकर रखा गया है। महिला के किमोनो का बैंगनी रंग अब भी चमकीला है और शुरुआती उकीयो-
ए प्रिंट्स की विशेषता माने जाने वाली स्पष्ट रेखाएं अब भी बनी हुई हैं। (वेब वार्ता)। जापान के प्रसिद्ध उकीयो-ए (लकड़ी पर छपी पारंपरिक चित्रकला) की
एक बेहद दुर्लभ पेंटिंग ‘यंग वुमन ब्लोइंग ए पॉप्पिन लगभग 43 वर्षों बाद दोबारा खोजी गई है। यह
जानकारी टोक्यो नेशनल म्यूजियम ने दी है। यह कलाकृति 20 मई से टोक्यो के उएनो पार्क में
स्थित टोक्यो नेशनल म्यूजियम में चल रही विशेष प्रदर्शनी में प्रदर्शित की जाएगी। यह खोज न
केवल जापानी कला के इतिहास में अहम मानी जा रही है, बल्कि भारतीय कला प्रेमियों और
शोधकर्ताओं के लिए भी एक दुर्लभ अध्ययन का अवसर हो सकती है। कलाकार किटागावा उतामारो
को 1792 के आसपास उकीयो-ए शैली में सुंदर महिलाओं के चित्रण के लिए लोकप्रियता मिली थी।
यह कलाकृति 1980 के दशक की शुरुआत में पेरिस में नीलाम हुई थी, जिसके बाद इसका कोई
अता-पता नहीं था। म्यूजियम की शोधकर्ता काना मुरासे के अनुसार, ‘प्रिंट को बहुत अच्छी तरह से
संभालकर रखा गया है। महिला के किमोनो का बैंगनी रंग अब भी चमकीला है और शुरुआती उकीयो-
ए प्रिंट्स की विशेषता माने जाने वाली स्पष्ट रेखाएं अब भी बनी हुई हैं।