इंडिया गौरव राहुल सीवन 13 मई। जरूरतमंदों की सहायता निस्वार्थ भाव से अपने सामर्थ्य के अनुसार करनी चाहिए। यह प्रेरणादायक विचार प्रमुख समाजसेवी व गौ भक्त फुलाराम खरकां और प्रमुख समाजसेवी व अधिवक्ता अनिल सैनी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक-दूसरे की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। आज का समय ऐसा है जहां इंसान को इंसान की सबसे अधिक जरूरत है।दोनों समाजसेवियों ने कहा कि सेवा कोई दिखावे का माध्यम नहीं बल्कि आत्मिक सुख और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई व्यक्ति निस्वार्थ भाव से किसी जरूरतमंद की मदद करता है तो वह समाज को मजबूत करता है। सेवा कार्य से न केवल जरूरतमंद को राहत मिलती है, बल्कि समाज में आपसी प्रेम, सहयोग और विश्वास भी बढ़ता है।उन्होंने कहा कि गौ सेवा सहित जरूरतमंदों की मदद हम सभी को मिलकर अपने सामर्थ्य के अनुसार अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। समाज में बदलाव लाने के लिए हर व्यक्ति को छोटा-बड़ा योगदान देना चाहिए, चाहे वह किसी भी रूप में हो। उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे नशे और दिखावे से दूर रहकर समाज निर्माण में सहयोग करें।दोनों समाजसेवियों का मानना है कि यदि हर व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ मदद भी करे, तो बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान संभव है। ऐसे सेवा कार्यों से समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जरूरतमंदों को नई आशा मिलती है।