Monday, June 16, 2025
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ठाणे जिले की अदालत ने 2014 के दंगा मामले में नौ लोगों को बरी किया

 महाराष्ट्र / ठाणे, । ठाणे जिले की एक अदालत ने 2014 के एक मामले में दंगा

और हमले के आरोपी नौ लोगों को सबूतों के अभाव व एक गवाह के मुकर जाने का हवाला देते हुए

बरी कर दिया।

कल्याण अदालत की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मंगला ए मोटे ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता

की धारा 143 (अवैध रूप से एकत्रित होना), 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में

डालना), 395 (सशस्त्र डकैती) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपों से बरी कर दिया।

चौबीस अप्रैल को दिए गए आदेश की एक प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई।

अभियोजन पक्ष का मामला जनाबाई जगन जगताप द्वारा 10 सितंबर, 2014 को दर्ज कराई गई

शिकायत पर आधारित था।

उन्होंने आरोप लगाया था कि लगभग 20 से 25 लोगों का एक समूह लकड़ी के लट्ठों और लोहे की

छड़ें लेकर होकर कसारा के शिवाजी नगर स्थित उनके घर में घुसा और उन पर व इलाके की अन्य

महिलाओं पर हमला किया था।

सात मार्च को शुरू हुए मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने केवल तीन गवाहों से पूछताछ की। इनमें

शिकायतकर्ता और रानी जगताप भी शामिल थीं, जो हमले में कथित रूप से घायल हो गई थीं।

रानी जगताप मुकदमे के दौरान अपने बयान से पलट गईं और इस बात से इनकार कर दिया कि

आरोपियों ने उन पर हमला किया था।

अदालत ने कहा, ‘मामले को साबित करने के लिए अदालत के सामने कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया

गया। अंततः अभियोजन पक्ष द्वारा अपराध साबित नहीं किया जा सका।’

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