Sunday, June 15, 2025
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जेनेटिक इंजीनियरिंग में करियर

जेनेटिक इंजीनियरिंग विज्ञान का एक अत्याधुनिक ब्रांच है। जिसमें सजीव प्राणियों के डीएनए कोड में

मौजूद जेनेटिक को अत्याधुनिक तकनीक केजरिए परिवर्तित किया जाता है। यह क्षेत्र बायोटेक्नोलॉजी

के अंतर्गत ही आता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग का कमाल कुछ वर्ष पहले ही दुनिया देख चुकी है, जब

इयान विल्मुट और उनके सहयोगी रोसलिन ने जेनेटिक तरीके से भेड़ का बच्चा तैयार किया, जिसे

डोली दिया था। यह हुबहु भेड़ का जेनेटिक कॉपी था। इन दिनों जेनेटिक इंजीनियर की डिमांड इंडिया

के साथ-साथ विदेश में तेजी से बढ़ रहा है।

क्या है जेनेटिक इंजीनियरिंग..

जेनेटिक तकनीक के जरिए जींस की सहायता से पेड़-पौधे, जानवर और इंसानों में अच्छे गुणों को

विकसित किया जाता है। जेनेटिक तकनीक के द्वारा ही रोग प्रतिरोधक फसलें और सूखे में पैदा हो

सकने वाली फसलों का उत्पादन किया जाता है। इसके जरिए पेड़-पौधे और जनवरों में ऐसे गुण

विकसित किए जाते हैं, जिसकी मदद से इनके अंदर बीमारियों से लडने की प्रतिरोधिक क्षमता

विकसित की जाती है। इस तरह के पेड़-पौधे जीएम यानी जेनेटिकली मोडिफाइड फूड के रूप में जाने- जाते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जेनेटिक इंजीनियरिंग का इस्तेमाल बृहत पैमाने पर होता है, क्योंकि यह

इंडस्ट्री फॉमास्युटिकल प्रोडक्ट जैसे कि इंश्युलीन और दूसरे दवाइयों के लिए एक हद तक जेनेटिक

पर ही निर्भर रहती है।

योग्यता और कोर्स..

योग्य जेनेटिक इंजीनियर उसे ही माना जा सकता है, जिनके पास जेनेटिक और इससे संबंधित फील्ड

में ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री हो, जैसे कि बायोटेक्नोलॉजी, मोलिक्युलर बायोलॉजी,

माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री। इस कोर्स में एंट्री के लिए 12वीं बायोलॉजी, केमिस्ट्री और मैथ

से पास होना जरूरी है। इस समय अधिकतर यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट में जेनेटिक इंजीनियरिंग के

लिए अलग से कोर्स ऑफर नहीं किया जाता है, लेकिन इसकी पढ़ाई बायोटेक्नोजी, माइक्रोबायोलॉजी

और बायोकेमिस्ट्री में सहायक विषय के रूप में होती है। बायोटेक्नोलॉजी के अडंर ग्रेजुएट और

पोस्टग्रेजुएट में जेनेटिक..

इंजीनियरिंग में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। गेेजुटए कोर्स, बीईध्बीटेक में एंट्री प्रवेश परीक्षा के

आधार पर होता है। एमएससी इन जेनेटिक इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए जवाहर लाल नेहरू

यूनिवर्सिटी हर साल 120 सीटों के लिए संयुक्त परीक्षा का आयोजन करती है। तकरीबन 20 हजार

छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं। उगा अंको के आधार पर 20 छात्र को जेएनयू परिसर, नई दिल्ली में

एडमिशन दे दिया जाता है। जेनेटिक डिग्री कोर्स के लिए भी यहां कुछ सीटें निश्चित हैं। इसके लिए

भी एंटे्रस टेस्ट में बैठना जरूरी है।

रोजगार के अवसर..

जान-मानी करियर एक्सपर्ट परवीन मलहोत्रा कहती हैं कि जेनेटिक इंजीनियर के लिए भारत के साथ-

साथ विदेश में भी जॉब के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। इनके लिए मुख्यत रोजगार के अवसर

मेडिकल व फार्मास्युटिकल कंपनी, एग्रीकल्चर सेक्टर, प्राइवेट और सरकारी रिसर्च और डेवलपमेंट

सेंटर में होते हैं। टीचिंग को भी करियर ऑप्शन के रूप में आजमा जा सकता है।

इसके अलावा, इनके लिए रोजगार के कई और भी रास्ते हैं। बायोटेक लेबोरेटरी में रिसर्च, एनर्जी और

एंवायरनमेंट से संबंधित इंडस्ट्री, एनिमल हसबैंड्री, डेयरी फार्मिंग, मेडिसन आदि में भी रोजगार के खूब

मौके हैं। कुछ ऐसे संस्थान भी हैं, जो जेनेटिक इंजीनियर को हायर करती है, जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट

ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली, सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंट ऐंड डाइग्नोस्टिक, हैदराबाद,

बायोकेमिकल इंजीनियरिंग रिसर्च ऐंड प्रोसेस डेवलॅपमेंट सेंटर, चंडीगढ़, द इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक

ऐंड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी, दिल्ली आदि।

सैलॅरी पैकेज..

जेनेटिक इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री रखने वाले स्टूडेंट्स को शुरुआती दौर में आठ से 12

हजार रुपये प्रति माह सैलॅरी मिलने लगती है। यदि आपके पास डॉक्ट्रोरल डिग्री है, तो सैलॅरी 15-25

हजार रुपये शुरुआती महीनों में हो सकती है।

इंस्टीट्यूट वॉच…

1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास, खडगपुर

2. आईआईटी गुवाहाटी

3. आईआईटी, दिल्ली

4. दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

5. उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद

6. पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना

7. राजेंद्र एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, समस्तीपुर, बिहार

8. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

9. बनारस हिंदु यूनिवर्सिटी, वाराणसी

10.ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली

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