Monday, June 16, 2025
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कब है ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा? जानिए इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व

कब है ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा? जानिए इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा को जल

चढ़ाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इससे मन को शांति मिलती है और घर में

खुशहाली आती है. इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और तीर्थ स्थानों पर दान

करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं साल 2025 में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि कब है और

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत किस दिन रखा जाता है और इस दिन का क्या महत्व है…

कब है ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा-

हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 10 जून 2025 को रात्रि 11:35 बजे प्रारम्भ होगी और पूर्णिमा

तिथि 11 जून 2025 को दोपहर 1:13 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा 11

जून 2025 बुधवार को मनाई जाएगी.

कब है ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर क्या करें-

-ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है.

-इस दिन प्रातःकाल पवित्र नदी में स्नान करें, तर्पण करें और व्रत का संकल्प लें.

-पूर्णिमा के दिन संध्या काल में भगवान चंद्र को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करें.

-साथ ही पूर्णिमा के दिन साथ ही श्रद्धा पूर्वक पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करें.

-ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा व्रत के दिन भगवान सत्य नारायण की कथा करें.

पूर्णिमा का महत्व-

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दर्शन करें. पूर्णिमा के दिन व्रत

रखने से पापों से मुक्ति मिलती है, पुण्य बढ़ता है, मन शुद्ध होता है और परिवार में सुख-समृद्धि

आती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. पूर्णिमा के दिन अन्न, वस्त्र

गरीबों को दान करना शुभ माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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