नरसिंहपुर, 26 मई । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नरसिंहपुर में आयोजित कृषि उद्योग
समागम-2025 के दौरान ₹116 करोड़ की लागत से निर्मित विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण कर
क्षेत्रवासियों को महत्वपूर्ण सौगातें प्रदान कीं। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री
डॉ मोहन यादव भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने सीएम यादव की कार्यशैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री
मोहन यादव मनमोहन हैं और कार्यशील हैं। उन्होंने कहा वे एक दिन भी कोई ऐसा पल नहीं जाने
देते जब गांव और किसानों की चिंता नहीं करते हो। उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश सबसे बड़ी छलांग
लगाएगा। यह मैं सामने देख रहा हूं, क्योंकि आज की यह जो पहल है कृषि को उद्योग से जोड़ने की
दोनों का मिलान करने की, यह बहुत बड़ी सोच है। इसकी शुरुआत आपने की है, आप साधुवाद के
पात्र हैं। उन्होंने कहा कि किसान भारत की रीड की हड्डी है, किसान की जितनी पूजा की जाए कम
है। किसान सामाजिक आर्थिक और समरसता का प्रतीक है।
सीएम मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि नरसिंहपुर के प्रगतिशील किसान न केवल मध्यप्रदेश,
बल्कि पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान के लिए विख्यात हैं। यहां की तुअर दाल, यहां की प्राकृतिक
खेती, यहां के उन्नत किसान… मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में अलग पहचान बनाए हुए हैं।
मां नर्मदा की इस स्थान पर विशेष कृपा है। मध्य प्रदेश नदियों का मायका है। मेरी जानकारी के
अनुसार यहां पर 247 नदियां हैं जिनका उदगम एमपी है। अगर सर्वाधिक नदियों का उदगम कही है
तो वह एमपी है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य जबरदस्त है।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से मध्यप्रदेश में एक साथ तीन नदी
जोड़ो अभियान की शुरुआत की गई है। इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य है, हर खेत तक सिंचाई के
लिए जल पहुंचाना है। अन्नदाता का जीवन बेहतर से बेहतर बनाना हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा
कि देश में दूसरा सर्वाधिक गेहूं का उपार्जन एमपी में हुआ है। हमने 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर
से गेहूं की खरीद की है। हमने गेहूं का सर्वाधिक दाम दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कुशल
मार्गदर्शन में प्रदेश में प्रत्येक वर्ग के समग्र कल्याण हेतु निरंतर कार्य हो रहे हैं। 31 मई को पीएम
एक बार पुनः मध्यप्रदेश की पावन भूमि पर पधार रहे हैं, जहां वे भोपाल से नारी सशक्तिकरण की
यात्रा को नई गति और दिशा प्रदान करेंगे।
सीएम ने कहा कि तीन दिवसीय कृषि उद्योग समागम में कृषि यंत्र प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।
यंत्रों की खरीद हेतु इच्छुक किसानों को निर्धारित अनुदान (सब्सिडी) का लाभ भी प्रदान किया
जाएगा। मध्यप्रदेश में जनहित से जुड़े निरंतर बड़े निर्णय हो रहे हैं। कृषि उद्योग समागम के माध्यम
से नए उद्योग स्थापना के संकल्प साकार होंगे। जुलाई में सतना, इसके बाद चंबल-मुरैना में और
अक्टूबर में सीहोर में राज्य स्तरीय किसान मेला आयोजित होगा। सीएम ने कहा कि दुग्ध उत्पादन
को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि जो व्यक्ति 25 या उससे अधिक दुधारु
गायों के साथ डेयरी इकाई की स्थापना करेगा, उसे प्रदेश सरकार द्वारा 25 प्रतिशत तक अनुदान
प्रदान किया जाएगा।