Saturday, December 6, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeधर्म-कर्मकिचन में पूजा स्थल शुभ नहीं

किचन में पूजा स्थल शुभ नहीं

जब कोई व्यक्ति घर बनाता है या घर का नवीनीकरण करता है तो चाहता है कि उसका घर वास्तु
के अनुसार बने। इसलिए, चार बातों का ध्यान विशेष रूप से रखा जाता है कि घर में पूजा का स्थान
ईशान कोण में, रसोई घर आग्नेय कोण में, मास्टर बेडरूम नैर्ऋत्य कोण में और लड़कियों व मेहमानों

का कमरा वाचव्य कोण में होना चाहिए। यदि ये चारों सही जगह बन जाए तो यह समझा जाता है
कि मकान वास्तु सिद्धान्तों के अनुरूप बना है। किसी घर में यदि इनमें से कोई एक भी सही जगह
पर न बना हो तो वास्तु के अनुसार घर को दोषपूर्ण मान लिया जाता है।

इनमें किचन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। घर की गृहिणी का किचन से विशेष नाता रहता है। गृहणियां
हमेशा इस बात का खयाल रखती हैं कि उनका किचन आग्नेय कोण में हो और यदि ऐसा नहीं हो तो
किसी भी परेशानी का कारण किचन के वास्तुदोष पूर्ण होने को ही मान लिया जाता है, जो उचित
नहीं है। यह सही है कि घर के आग्नेय कोण में किचन का स्थान सर्वोत्तम है, पर यदि संभव हो तो
उसे किसी अन्य स्थान पर बनाया जा सकता है।

आग्नेय कोण: किचन की यह स्थिति बहुत शुभ होती है। आग्नेय कोण में किचन होने पर घर की
स्त्रियां खुश रहती हैं। घर में समस्त प्रकार के सुख रहते हैं।

दक्षिण दिशा: इस दिशा में किचन होने से परिवार में मानसिक अशांति बनी रहती है। घर के मालिक
को क्रोध अधिक आता है और उसका स्वास्थ्य साधारण रहता है।

नैर्ऋत्य कोण: जिस घर में किचन दक्षिण या नैर्ऋत्य कोण में होता है उस घर की मालकिन ऊर्जा से
भरपूर उत्साहित एवं रोमांटिक मिजाज की होती है।

पश्चिम दिशा: जिस घर में किचन पश्चिम दिशा में होता है, उस घर का सारा कार्य घर की मालकिन
देखती है। उसे अपनी बहू-बेटियों से काफी खुशियां प्राप्त होती हैं। घर की सभी महिला सदस्यों में
आपसी तालमेल अच्छा बना रहते हैं, परंतु खाद्यान्न की बर्बादी जरूर ज्यादा होती है।

वायत्य कोण: जिस घर का किचन वायव्य कोण में होता है, उसका मुखिया रोमांटिक होता है। उसकी
कई महिला मित्र होती हैं, किन्तु बेटी को गर्भाशय की समस्या और कभी कभी उसकी बदनामी भी होती है।

उत्तर दिशा: जिस घर में किचन उत्तर दिशा में होता है, उसकी स्त्रियां बुद्धिमान तथा स्नेहशील होती
हैं। उस परिवार के पुरूष सरलता से अपना कारोबार करते हैं और उन्हें धनार्जन में सफलता मिलती है।

ईशान कोण: ईशान कोण में किचन होने पर परिवार के सदस्यों को सामान्य सफलता मिलती है।
परिवार की बुजुर्ग महिला पत्नी, बड़ी बेटी या बड़ी बहु धार्मिक प्रवृति की होती है, परंतु घर में कलह भी होती है।

पूर्व दिशा: जिस घर में पूर्व दिशा में किचन होता है, उसकी आय अच्छी होती है। घर की पूरी कमान
पत्नी के पास होती है। पत्नी की खुशियों में कमी रहती है। साथ ही उसे पित्त गर्भाशय स्नायु तंत्र
आदि से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है।

किचन से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां निम्नलिखित हैं, जिनका किचन बनाते समय ध्यान रखना चाहिए-
जिस घर में किचन के अंदर ही स्टोर हो तो गृहस्वामी को अपनी नौकरी या व्यापार में काफी
कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन कठिनाइयों से बचाव के लिए किचन व स्टोर रूम अलग-अलग बनाने चाहिए।

किचन व बाथरूम का एक सीध में साथ-साथ होना शुभ नहीं होता है। ऐसे घर में रहने वालों को
जीवन यापन करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता।
ऐसे घर की कन्याओं के जीवन में अशांति रहती है।

किचन में पूजा स्थान बनाना भी शुभ नहीं होता है। जिस घर में किचन के अंदर ही पूजा का स्थान
होता है, उसमें रहने वाले गरम दिमाग के होते हैं। परिवार के किसी सदस्य को रक्त संबंधी शिकायत भी हो सकती है।
घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने किचन नहीं बनाना चाहिए। मुख्य द्वार के एकदम सामने का

किचन गृहस्वामी के भाई के लिए अशुभ होता है।
यदि किचन भूमिगत पानी की टंकी या कुएं के साथ लगा हो तो भाइयों में मतभेद रहते हैं। घर के
स्वामी को धन कमाने के लिए बहुत यात्राएं करनी पड़ती हैं।

घर की बैठक में भोजन बनाना या बैठक खाने के ठीक सामने किचन का होना अशुभ होता है। ऐसे
में रिश्तेदारों के मध्य शत्रुता रहती है एवं बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयां आती हैं।
जिस घर में किचन मुख्य द्वार से जुड़ा हो, वहां प्रारंभ में पति-पत्नी के मध्य बहुत प्रेम रहता है घर

का वातावरण भी सौहार्दपूर्ण रहता है, किन्तु कुछ समय बाद बिना कारण आपस में मतभेद पैदा होने लगते हैं।
अनुभव में पाया गया है कि जिनके घरों में किचन में भोजन बनाने के साधन जैसे गैस स्टोव,
माइक्रोवेव इत्यादि एक से अधिक होते हैं, उनमें आय के साधन भी एक से अधिक होते हैं। ऐसे

परिवार के सभी सदस्यों को कम से कम एक समय भोजन साथ मिलकर करना चाहिए। ऐसा करने
से आपसी संबंध मजबूत होते हैं तथा साथ मिलकर रहने की भावना भी बलवती होती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments