कुलगुरु ने परिचायिका एवं विश्वविद्यालय की नई वेबसाइट का किया लोकार्पण
कैथल । संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया का औपचारिक शुभारंभ कर दिया है। विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने नए सत्र की परिचायिका का विमोचन किया और साथ ही विश्वविद्यालय की नई आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण भी किया। शास्त्री एवं आचार्य कक्षाओं के लिये जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है उन्हें भी इस प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा। यह आयोजन विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर कॉलेज परिसर में संपन्न हुआ।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय गोयल, प्रो. भाग सिंह बोदला ने पत्रकारों से संवाद करते हुए कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय हरियाणा राज्य का एकमात्र संस्कृत विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं एवं शास्त्रों के संरक्षण और संवर्धन हेतु की गई थी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा पारंपरिक विषयों के साथ-साथ आधुनिक युगीन आवश्यकताओं के अनुरूप रोजगारोन्मुखी, प्रायोगिक एवं कौशल-आधारित पाठ्यक्रमों का भी समावेश किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में विश्वविद्यालय द्वारा अपने पाठ्यक्रमों की गहन समीक्षा की जा रही है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। यह समिति भारतीय ज्ञान-विज्ञान परम्परा के अन्तर्गत पाली, प्राकृत, वास्तुशास्त्र, विधिशास्त्र, भूगोलशास्त्र, स्मृतिशास्त्र आदि विषयों पर आधारित नए पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिए सुझाव प्रस्तुत करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पहल छात्रों को शास्त्रीय ज्ञान के साथ-साथ समसामयिक उपयोगिता से भी जोड़ेगी।
विश्वविद्यालय में व्याकरण, साहित्य, ज्योतिष, दर्शन, वेद, धर्मशास्त्र विषयों में शास्त्री एवं आचार्य पाठ्यक्रम संचालित हैं। इसके अतिरिक्त योग में बीए एवं एमए और हिन्दू अध्ययन में एमए कोर्स हैं। नवाचार एवं रोजगारोन्मुखी प्रायोगिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत वेद, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, वैदिक गणित, कर्मकाण्ड में डिप्लोमा एवं हिन्दी-अंग्रेजी-हिन्दी में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित हैं।