संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इसके साथ ही इस दिन पर स्नान-
दान, तप और श्राद्ध अनुष्ठान करने का भी बहुत महत्व माना गया है। इस बार सिंह संक्रान्ति 17
अगस्त को मनाई जा रही है। ऐसे में आप सिंह संक्रांति पर कुछ खास उपाय करके सूर्य देव की कृपा
प्राप्त कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।
सिंह संक्रांति शुभ मुहूर्त
सिंह संक्रान्ति पुण्य काल – प्रातः 5 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट तक
सिंह संक्रान्ति महा पुण्य काल – प्रातः 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 8 बजकर 3 मिनट तक
संक्रान्ति का समय – 17 अगस्त देर रात 2 बजे
करें इन चीजों का दान
सिंह संक्रांति के दिन आप सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। अगर ऐसा करना
संभव नहीं है, तो आप पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। इसके बाद गरीबों व
जरूरतमंद लोगों के बीच अपनी क्षमता के अनुसार गेहूं, लाल चंदन, लाल फल और फूल, केसर, लाल
वस्त्र, और गुड़ आदि का दान करें। ऐसा करने से साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही
कुंडली में मौजूद सूर्य दोष से भी आपको राहत मिल सकती है।
इस तरह दें सूर्य देव को अर्घ्य
सिंह संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद एक तांबे के
लोटे में जल, लाल फूल व रोली डालें। ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जप करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित
करें। अंत में सूर्य देव को नमस्कार करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
सूर्य देव के मंत्र
इसके साथ ही आपको इस दिन पर सूर्य चालीसा और सूर्य देव के मंत्रों का जप करने से भी लाभ
मिल सकता है। यहां पढ़िए सूर्य देव के मंत्र –
- ॐ सूर्यनारायणायः नमः।
- ऊँ घृणि सूर्याय नमः
- सूर्य ग्रह के 12 मंत्र –
- ॐ आदित्याय नमः।
- ॐ सूर्याय नमः।
- ॐ रवेय नमः।
- ॐ पूषणे नमः।
- ॐ दिनेशाय नमः।
- ॐ सावित्रे नमः।
- ॐ प्रभाकराय नमः।
- ॐ मित्राय नमः।
- ॐ उषाकराय नमः।
- ॐ भानवे नमः।
- ॐ दिनमणाय नमः।
- ॐ मार्तंडाय नमः।

