रायपुर, 15 अगस्त । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि मार्च 2026
तक देश को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ते हुए राज्य में पिछले
20 महीनों में जवानों ने 450 माओवादियों को मार गिराया गया तथा 1578 को गिरफ्तार कर लिया
गया है। मुख्यमंत्री साय ने शुक्रवार को देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर
के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली।
साय ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ”देश के उन्यासीवें (79वें) स्वतंत्रता दिवस के साथ-
साथ हम छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 गौरवशाली वर्षों की विकास यात्रा को ‘छत्तीसगढ़ रजत
महोत्सव’ के रूप में मना रहे हैं। मुझे आपसे यह बात साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हम आज
के इस शुभ दिन से छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का शुभारंभ कर रहे हैं। आप सभी की भागीदारी से हम
इस महोत्सव को अविस्मणीय बनाएंगे।”
उन्होंने कहा, ‘‘आज के इस गौरवशाली दिन, हम अभिनंदन करते हैं, अपने सुरक्षाबलों के जवानों का,
जिन्होंने नक्सलियों को उनके ठिकानों में घुसकर मात दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री
अमित शाह के नेतृत्व में हम मार्च 2026 तक देश को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लक्ष्य की
ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 20 महीनों में हमारे जवानों ने 450
माओवादियों को मार गिराया और 1578 को गिरफ्तार किया है।
साय ने कहा कि माओवादियों के शीर्ष नेताओं बसवराजू और सुधाकर मारे जा चुके हैं। उन्होंने कहा
कि राज्य सरकार की आकर्षक आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर 1589 माओवादी हथियार छोड़
चुके हैं। इनके पुनर्वास, कौशल विकास और रोजगार की व्यवस्था की गई है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन का असली मतलब तब है, जब आखिरी व्यक्ति तक इसका लाभ
पहुंचे। उन्होंने कहा ‘‘ताड़मेटला में जहां हमारे 76 जवानों ने माओवादी हमले में शहादत दी थी, उसके
समीप ही चिंतागुफा के स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाण-पत्र मिला है। यहां हर महीने
औसतन 20 प्रसव होते हैं और हजारों ग्रामीण निःशुल्क इलाज की सुविधा ले रहे हैं।”
उन्होंने कहा, कि नक्सलवाद के कम होते ही बस्तर में विकास की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। उन्होंने
कहा कि 50 बंद स्कूल फिर से खोले गए और कई गांवों में पहली बार बिजली पहुंची। ‘‘नियद नेल्ला
नार अर्थात आपका अच्छा गांव योजना से 327 गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंची हैं। पामेड़, जो कभी
नक्सलियों का गढ़ था, वहां अब बैंक की शाखा खुल गई हैं।”
साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुण्य धरा प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। हमारे पास समृद्ध
सांस्कृतिक धरोहर हैं और अपार उत्साह समेटे हुए विपुल मानव संसाधन हैं। उन्होंने एक नवंबर
2000 को जब यह राज्य बना, तब यहां के लोगों ने एक सपना देखा था, एक विकसित, आत्मनिर्भर
और समावेशी छत्तीसगढ़ का। ‘‘आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़़ रहे हैं।”
साय ने कहा, ”हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है, जिन्होंने अपने असीम शौर्य और साहस से मातृभूमि
का शीश हमेशा ऊंचा रखा। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद पाकिस्तान की ओर से हुए
आक्रमण से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक हर बार हमारे जवानों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। यह
ऑपरेशन दुनियाभर में भारत के पराक्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक बना।” मुख्यमंत्री ने कहा
कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो गई है।
साय ने कहा, ”पिछले 20 महीनों में नागरिकों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई गारंटियों को पूरा
करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किये गए हैं। कैबिनेट की पहली बैठक में हमने 18 लाख
प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। पीएम जनमन योजना में विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए 34 हजार
और नक्सल पीड़ित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15 हजार आवास मंजूर किए गए।’’
उन्होंने महिला सशक्तीकरण को अपनी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि सरकार
बनने के तीन महीने के भीतर महतारी वंदन योजना शुरू की गई जिसके तहत प्रदेश में 70 लाख
महिलाओं को हर महीने एक-एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा ‘‘ इस
योजना से महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर कदम बढ़ा रही हैं।”
साय ने कहा कि कृषक उन्नति योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का सबसे
ज्यादा मूल्य मिल रहा है। पिछले खरीफ सीजन में 149 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई।
उन्होंने कहा कि राज्य में फसल विविधता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार ने कृषक उन्नति
योजना के दायरे का विस्तार किया है। धान के बदले अब अन्य खरीफ फसल लेने वाले किसानों को
प्रति एकड़ 11 हजार रूपए तथा दलहन-तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास की फसल
लेने वाले कृषकों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही इसके प्रावधानों के अनुरूप स्कूलों
और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि अब सुकमा के दुर्गम गांव में भी
शिक्षक हैं। ‘‘राजधानी रायपुर से लेकर पहाड़ी कोरवा बसाहट वाले स्कूलों तक पूरे प्रदेश में शिक्षक-
छात्र अनुपात एक समान है। हमारे स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।”
साय ने कहा कि नवा रायपुर को सेंट्रल इंडिया की सिलिकॉन वैली के रूप में तैयार किया जा रहा है
और वहां नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फार्मेशन टेक्नॉलाजी की स्थापना होगी, जिससे
आईटी का बड़ा टैलेंट पूल यहां तैयार होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन पर काम किया
जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए तैयार नई स्टार्टअप नीति के माध्यम
से हम राज्य के 100 तकनीकी संस्थाओं के 50 हजार छात्र-छात्राओं तक पहुंच बनाएंगे। उन्होंने कहा
कि राज्य में हमने 150 स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
साय ने कहा, ”नई औद्योगिक नीति की बुनियाद पर विकसित छत्तीसगढ़ की भव्य इमारत तैयार
होगी। नई औद्योगिक नीति में हमने सबसे ज्यादा जोर पॉवर सेक्टर पर दिया है। इस सेक्टर में हमें
तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे छत्तीसगढ़ विकसित भारत का
पावर हाउस बनेगा। निवेशकों के लिए छत्तीसगढ़ पसंदीदा राज्य बन चुका है। हमने दिल्ली, मुंबई,
बेंगलुरू के साथ ही रायपुर में भी इन्वेस्टर्स समिट किये। इन समिट के माध्यम से अब तक छह
लाख 65 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव हमें मिल चुके हैं।”
साय ने कहा कि अब जमाना ई-कॉमर्स का है। उन्होंने कहा कि इसे प्रोत्साहित करने हमारी
लॉजिस्टिक नीति विशेष रूप से उपयोगी होगी और प्रदेश में तेजी से इनलैंड कंटेनर डिपो तथा
ड्राईपोर्ट में निवेश होगा।
उन्होंने कहा, ”जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों को
दी जाने वाली संग्रहण राशि चार हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े पांच हजार रुपए कर दी गई है जिससे
साढ़े 12 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों के 50 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं। तेंदूपत्ता संग्राहकों के
पैरों में छालें न पड़े, कांटे न चुभे, इसके लिए हमने चरण पादुका योजना फिर से शुरू की है। यह
योजना तेन्दूपत्ता संग्राहकों की सुरक्षा, सम्मान और अंत्योदय का सुन्दर उदाहरण है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ”बस्तर की जनजातीय संस्कृति की झलक देश-दुनिया को दिखाने के लिए बस्तर
पंडुम का आयोजन किया गया। बस्तर अब वैश्विक पर्यटन मानचित्र में है। बस्तर के धुड़मारास को
यूएन पर्यटन संगठन ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के रूप में चुना है। होम-स्टे को प्रोत्साहित करने हमने
छत्तीसगढ़ होम-स्टे नीति बनाई है।”
साय ने कहा कि प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य के लिए
‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन’ डॉक्यूमेंट के रूप में एक ऐसा रोडमैप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम
से हम विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करेंगे।
साय के अनुसार, छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है जिसने विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है। ‘‘इसमें
हमने निकटवर्ती, मध्यवर्ती और दीर्घकालीन लक्ष्य रखे हैं। इन्हें प्राप्त करने हमने सामाजिक आर्थिक
विकास के 13 विषय चुने हैं और इनके क्रियान्वयन के लिए 10 मिशन तैयार किये हैं।”
मुख्यमंत्री ने अवसर पर बताया कि रायपुर में जल्द ही पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू की जाएगी,
जिससे पुलिस-व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। उन्होंने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई
देते हुए कहा, ”हमारे राज्य के निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन का दृढ़ संकल्प हमें
शक्ति देता है। हम निश्चित ही जन-जन की सहभागिता से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लक्ष्य को साकार करेंगे।”

