सिरसा, 08 नवंबर । ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के मौके
पर पवित्र यात्रा का शुभारंभ शनिवार को सिरसा के रोड़ी की पावन भूमि से किया गया। हरियाणा के
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में गुरुद्वारा गुरुसर साहिब पातशाही दसवीं में अरदास का
कार्यक्रम हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास करते हुए प्रदेश की
सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नायब सिंह
सैनी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी केवल सिखों अथवा भारत के ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के
मानवाधिकारों के प्रथम महानायक हैं। यह यात्रा गुरु जी के तप, त्याग, विचार और धर्म की रक्षा के
लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को जन-जन तक पहुंचाने का एक व्यापक महाअभियान है।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रदेश में चार पवित्र
यात्राएं निकाली जाएंगी। ये यात्राएं पूरे हरियाणा को कवर करेंगी और 24 नवंबर को कुरुक्षेत्र में इनका
समापन होगा। उसी दिन वहां सर्व धर्म सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। 1665 में सिख धर्म के
मुख्यालय को धमतान, परगना जींद, बांगर देश (अब हरियाणा) में स्थानांतरित किया था। इस निर्णय
का कारण यह था कि इस क्षेत्र को सीधे दक्षिण में लोहगढ़ से जोड़ा गया था। इसी तरह 1665 में,
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब ने बांगर देस से लोहगढ़ की यात्रा की। वे जींद, कैथल, चीका, कराह,
सियाना सईदा और फिर पिहोवा गए, जहां उन्होंने सिख संगत से मुलाकात की। इसके बाद फिर गुरु
साहिब जिला कुरुक्षेत्र के गाँव बारना रवाना हुए, जहां मनसद भाई सुधा ने उनका अभिवादन किया।
इसी तरह थानेसर, लाडवा, यमुनानगर क्षेत्र में भी उनका जाना हुआ। कार्यक्रम के दौरान हरियाणा
सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार जगदीश सिंह झींडा, कुलदीप सिंह, अंग्रेज सिंह, बिंद्र
सिंह, प्रकाश सिंह, अमृतपाल सिंह, गुरमेल सिंह, जगतार सिंह, गौरा सिंह, हरविंद्र रोड़ी, सतीश जग्गा
भी मौजूद थे।

