अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश, बारिश के बीच घग्गर के टटियाना गेज का किया निरीक्षण
लोगों की समस्याएं सुनीं, डीसी ने कहा-आमजन को नहीं होनी चाहिए किसी भी तरह की परेशानी
गुहला-चीका, 6 सितंबर। डीसी प्रीति व एसपी आस्था मोदी ने पूरे प्रशासनिक अमले के साथ घग्गर के बढ़ते जल स्तर के दृष्टिगत विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। डीसी प्रीति ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से जलभराव वाले क्षेत्रों के बारे में पूर्ण जानकारी ली। फिलहाल गुहला-चीका के किसी भी गांव की आबादी में कहीं पर पानी नहीं पहुंचा है। जिससे स्थिति
नियंत्रण में है। लगभग 35 गांवों के खेतों में पानी भरा है। घग्गर का जलस्तर इस समय 23.8 फुट है। प्रशासन द्वारा बचाव एवं राहत कार्याें की पूरी तैयारी की हुई है। एसडीएम गुहला कैप्टन परमेश सिंह ने गांव मंझहेड़ी का दौरा कर लोगों से बातचीत की।
डीसी प्रीति, एसपी आस्था मोदी सहित जिले के आला प्रशासनिक अधिकारी सबसे पहले टटियाणा गेज पर घग्गर के जल स्तर का मुआयना करने पहुंचे। यहां डीसी व एसपी ने संभावित स्थिति पर सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता नीरज शर्मा के साथ विस्तार से चर्चा की। इसके बाद अधिकारियों का काफिला भागल-भूसला रोड स्थित घग्गर पुल पर पहुंचा। जहां
खेतों में पहुंचे पानी का निरीक्षण किया। डीसी प्रीति ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बढ़ते जलस्तर पर नजर रखें। आमजन को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। आमजन को जरूरत पड़ने पर कम से कम समय में राहत पहुंचनी चाहिए। जनहित में किसी जगह से सड़कों या खालों आदि को काटने जैसे निर्णय लेने पड़ें तो कम से कम नुकसान
की संभावना को ध्यान में रखें। डीसी ने यहां पहुंचे किसानों की समस्याओं को बड़े धैर्य से सुने और उन समस्याओं का समाधान करें। जल निकासी के कार्य को समुचित किया जाए। जहां से भी ग्रामीणों की मांग आती है, उन्हें संबंधित विभाग तुरंत पूरा करें। घग्गर के नजदीक लगते सभी गांवों पर कड़ी निगरानी की जाए। गांवों में बिजली, पानी, स्वास्थ्य से संबंधित
अन्य मूलभूत सुविधाएं निरंतर उपलब्ध करवाते रहें। उन्होंने आमजन का आह्वान किया कि घग्गर के जल स्तर बढ़ने से खेतों में पानी भरने की जो स्थिति इस क्षेत्र में पैदा हुई है, इससे उभरने के लिए प्रशासन आपके साथ खड़ा है। जिला प्रशासन व स्थानीय प्रशासन द्वारा निरंतर संभावित बाढ़ क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है। यदि किसी भी ग्रामवासी को कोई परेशानी आ रही है तो उनके लिए लघु सचिवालय की पहली मंजिल के कमरा नंबर 105 में जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। हेल्पलाइन नंबर 01746-234528 पर आमजन इमरजेंसी हालातों में संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा गुहला उपमंडल स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसका नंबर 01743221555 है। कंट्रोल रूम में आने वाली समस्याओं का तुरंत जिला व स्थानीय प्रशासन द्वारा समाधान करवाया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने कहा कि गुहला-चीका क्षेत्र में घग्गर के मुख्य प्वाइंट पर पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने आमजन का आह्वान भी किया कि वे घग्गर नदी के आसपास न जाएं और बच्चों का भी ध्यान रखें। सभी अपने घरों पर सुरक्षित रहें, जरूरत अनुसार ही घरों से बाहर निकले। उन्होंने अधिकारियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बातचीत की।
एसडीएम गुहला कैप्टन परमेश सिंह ने गांव मंझहेड़ी का दौरा किया। जहां ग्रामीणों की मांग पर सड़क में कट लगाकर पानी की निकासी की व्यवस्था करवाई। इससे सात गांवों के खेतों में जमा अधिक पानी की निकासी में मदद मिलेगी। एसडीएम ने डीसी को हालात की पूरी जानकारी दी और बताया कि अभी किसी गांव की आबादी में पानी नहीं गया है। खेतों में पानी जरूर जमा हुआ है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राहत एवं बचाव कार्याें की पूरी तैयारी है।
इस मौके पर एसडीएम कैप्टन प्रमेश सिंह, सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता नीरज शर्मा, कार्यकारी अभियंता गुरविंद्र सिंह दयोल व वरूण कंसल, नायब तहसीलदार बंसीलाल सहित अन्य सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
पीने के पानी का सुपर क्लोरीनेशन करने के निर्देश
जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता विकास बालियान ने बताया कि विभाग द्वारा जल भराव वाले गाँवों में पीने के पानी का सुपर क्लोरीनेशन करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पाइपों में किसी भी तरह का रिसाव होने पर बाढ़ के पानी के साथ पानी के मिलने से होने वाली जल जनित बीमारियों के प्रकोप को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही फील्ड स्टाफ को लीकेज पाए जाने पर तुरंत उसकी मुरम्मत करने के भी निर्देश दिए गए हैं। संबंधित गांव के सरपंच से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि अशुद्ध पेयजल की किसी भी शिकायत की तुरंत सूचना दी जा सके।
घरों से लिए जा रहे हैं पानी के सैंपल
सभी ट्यूबवेलों पर टेस्टिंग किट उपलब्ध करवाई गई है। कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि रैंडमली घरों से सैंपल ले और उसकी जांच करें। खंबहेड़ा गाँव में लीकेज पाया गया। कर्मचारियों को इसे जल्द से जल्द ठीक करने के निर्देश दिए गए।
पशुपालन व स्वास्थ्य विभाग गांव में लगा रहा चिकित्सा कैंप
इसी प्रकार पशुपालन विभाग द्वारा कई मोबाइल पशु चिकित्सा वैन तैनात की गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। दौरे के दौरान, पशुओं की स्थिति, आश्रय, पशु चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक आवश्यकताओं के संबंध में स्थिति की समीक्षा की जा रही है। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है और आवश्यक पशु चिकित्सा सहायता और राहत उपाय किए जा रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न गाँवों में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जा रहे हैं।

