Wednesday, December 24, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तराखंडग्रामीण समृद्धि की धुरी बनेगी सहकारी समितियां : धन सिंह रावत

ग्रामीण समृद्धि की धुरी बनेगी सहकारी समितियां : धन सिंह रावत

देहरादून, 24 दिसंबर । प्रत्येक ग्राम सभाओं में सहकारी समितियों की स्थापना की जायेगी।
इन समितियों के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जायेगा। साथ ही इन्हें ग्रामीण
समृद्धि की धुरी बनाया जायेगा। सहकारिता के माध्यम से अबतक प्रदेशभर के 11.50 लाख किसानों
एवं स्वयं सहायता समूहें को 7000 करोड़ से अधिक ब्याज मुक्त ऋण वितरित किया जा चुका है,
जिससे लाभार्थियों की आर्थिकी को विस्तार मिला।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार काे देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में सहकारिता विभाग की
ओर से आयोजित सहकारिता मेले में बतौर मुख्य अतिथि कही। मंत्री ने राज्य सरकार ने ‘सशक्त
उत्तराखंड’ का संकल्प लिया है। अग्रणी उत्तराखंड के ध्येय वाक्य के तहत संकल्प से सिद्धि के लिये
सहकारिता में बहुआयामी कार्ययोजनाओं का काम किया जा रहा है, जिसके सुखद परिणाम भी सामने
आ रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामसभा स्तर पर सहकारी समितियों की स्थापना कर रही है ताकि
प्रत्येक व्यक्ति को सहकारिता से लाभान्वित किया जा सके। इसके योजना के तहत वर्तमान में 602
से अधिक नई एमपीएसीएस, 258 डेयरी समितियां तथा 119 मत्स्य समितियों का गठन किया जा
चुका है। युवाओं को स्टार्टअप, ऑग्रेनिक उत्पादों की मार्केटिंग एवं प्रोसेसिंग जैसे आधुनिक व्यवसायों

से जोड़ने का कार्य भी सहकारिता के माध्यम से किया जा रहा है। सहकारिता का यह विस्तार न
सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि ग्रामीण समृद्धि की धुरी भी बनेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 670 एमपैक्स जनसुविधा केन्द्र तथा 23 एमपैक्स जन औषधि केन्द्र के

रूप में कार्य कर आम लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन एमपैक्स को ई-पैक्स
बनाया जा रहा है ताकि आम लोगों को ई-सेवाओं का लाभ मिल सके।
मंत्री ने सहकारिता विभाग के तहत संचालित दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना

का लाभ प्रदेश के किसान, काश्तकार, कारीगर और स्वयं सहायता समूह बखूबी उठा रहे हैं। अब तक
सरकार ने 11.50 लाख से अधिक लाभार्थियों को रूपये 7000 करोड़ से अधिक ब्याज मुक्त ऋण
वितरित कर दिया है, जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों का कायाकल्प किया जा रहा है, वर्तमान में सहकारी बैंक अपने
खाताधारकों को राष्ट्रीयकृत बैंकों की भांति आधुनिक व डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। जिससे
खाताधारकों का विश्वास बैंकों पर बढ़ा है। जिसके चलते वित्तीय वर्ष 2024-25 में 15,651 करोड़ से

अधिक का निक्षेप संचय बैंकों में हुआ है। साथ ही सहकारी बैंकों का एनपीए भी कम हुआ है।
वर्तमान में राज्यके समस्त 10 जिला सहकारी बैंक एवं 01 राज्य सहकारी बैंक लाभ पर कार्य कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का जो
एतिहासिक निर्णय लिया था, वह कारगर साबित हुआ और सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी
बढ़ी। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुये सहकारी समितियों के निर्वाचन में 668 समितियों में से 280

से अधिक समितियों में महिलाएं अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुई, जो महिला सशक्तिकरण का एक
अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सरकार सहकारिता को आंदोलन के रूप में घर-घर तक पहुंचाने
का काम कर रही है। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री ने योजनाओं के लाभार्थियों को चेक भी वितरित

किये। इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री गीताराम गौड़, निवर्तमान चैयरमैन, जिला सहकारी बैंक टिहरी
सुभाष रमोला, अपर निबंधक इरा उप्रेती, आनंद शुक्ला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments