नई दिल्ली, 24 दिसंबर । सरकार ने राजधानी दिल्ली में बढते प्रदूषण को कम करने,
इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के टर्मिनल एक और सरकारी कार्यालयों के परिसर ‘कर्तव्य भवन’ को मेट्रो
नेटवर्क से जोड़ने के लिए 1214 करोड़ रुपये की लागत से तीन मेट्रो गलियारों के निर्माण को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस
आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद
संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राजधानी दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करते हुए चरण पांच
(ए) के अंतर्गत तीन नये गलियारों को मंजूरी दी है। पहला गलियारा आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ
तक है जिसकी लंबाई 9.913 किमी., दूसरी परियोजना एयरोसिटी से इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के
टर्मिनल एक तक 2.263 किमी. और तीसरी लाइन तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक है जिसकी
लंबाई 3.9 किमी है। तीनों गलियारों की लंबाई 16.076 किलोमीटर है।
उन्होंने कहा कि इन गलियारों के निर्माण के लिए तीन वर्ष की अवधि निर्धारित की गई है। कुल
लागत में से केन्द्र सरकार और दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी बराबर 1759-1759 करोड रुपये होगी
जबकि शेष राशि रिण से पूरी की जायेगी जिसका भुगतान दिल्ली मेट्रो रेल निगम करेगा। इन तीनों
गलियारों के पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो की कुल लंबाई 400 किलोमीटर को पार कर जाएगी।
वैष्णव ने बताया कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से राष्ट्रीय राजधानी में कनेक्टिविटी बेहतर हो
जाएगी। उन्होंने कहा कि ‘सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को जोड़ेगी जिससे इस क्षेत्र में
कार्यालय आने-जाने वालों और आगंतुकों को सीधी सुविधा मिल सकेगी। इस कनेक्टिविटी से रोजाना
लगभग 60,000 सरकारी कर्मचारी और दो लाख आगंतुक लाभान्वित होंगे। ये गलियारे प्रदूषण और
जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करेंगे तथा जीवन को आसान बनाएंगे।

