ढांड, 26 सितंबर । गुरुकुल ऑफ़ एक्सीलेंस, पबनावा में चल रहे 10 दिवसीय योग एवं आयुर्वेद शिविर में 5वें दिन सैकड़ों ग्रामीण और विद्यार्थी पूरे जोर-शोर से बढ़-चढक़र भाग लेने के साथ प्रात:काल और सायंकाल चल रहे योग सत्रों में प्राणायाम, ध्यान, सूर्य नमस्कार, भस्त्रिका, और अनुलोम-विलोम जैसे अभ्यास कराए जा रहे हैं। स्वामी संपूर्णानंद ने
विद्यार्थियों व ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में स्वास्थ्य एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। तनाव, अनियमित खानपान, और व्यस्त जीवनशैली ने आम व्यक्ति को अनेक बीमारियों के चक्रव्यूह में फंसा दिया है। ऐसे में योग एक ऐसा समाधान बनकर उभरा है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी सशक्त
बनाता है। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, वज्रासन, त्रिकोणासन जैसे योग आसनों के नियमित अभ्यास से डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, अवसाद जैसी समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग से न केवल शरीर लचीला होता है, बल्कि आत्मा भी जागृत होती है। योग
कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है। आने वाले समय में योग ही दुनिया को स्वस्थ जीवन की दिशा देगा। गुरुकुल अध्यक्ष बलिंदर आर्य ने कहा कि 1 अक्तूबर तक चलने वाले शिविर में अधिक से अधिक संख्या में ग्रामीण भाग लेकर जीवन को रोगमुक्त बनाने की अपील करते हुए कहा कि योग केवल आसनों का संग्रह नहीं, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवन
दर्शन है। इसे अपनाकर हम न केवल स्वयं को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि पूरे समाज को रोगमुक्त और तनावमुक्त बना सकते हैं। इसलिए आइए, आज से ही योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और कहें स्वस्थ जीवन की पहली सीढ़ी योग
की हो दिनचर्या स्थायी। शिविर के दौरान बलजीत आर्य, संजीव बोदला, डॉ. महेन्द्र, रघुवीर प्रधान, सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य लोग मौजूद रहे। विद्यार्थियों में भी योग के प्रति विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

