ढांड, 28 सितंबर । हैफेड के पूर्व डायरैक्टर एवं प्रसिद्ध समाजसेवी रामचंद्र जडौला ने कहा कि सरदार भगत सिंह एक बेहतरीन विचारक व समाज सुधारक भी थे। उन्होंने भारतीय जनमानस को नकारात्मक विचाराधारा, गैर वैज्ञानिक दृष्टिकोण, अंधविश्वास और तर्कहीनता से निकालकर सकारात्मक विचारधारा से लैस करने पर बल दिया। शहीदों और
क्रांतिकारियों द्वारा दिखाए गई मार्ग पर चलकर हम उन्नति कर सकते हैं। शहीदों को याद करने का केवल एक दिन न होकर हम इनकी शहादत के किस्सों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना यही उन रणबाकुंरों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर उनकी शहादत को नमन करते हुए नई अनाज मंडी ढांड में अपने
प्रतिष्ठान पर बातचीत करते हुए समाजसेवी रामचंद्र जडौला ने कहा कि शहीद किसी एक कौम के ना होकर हमारे देश की एक अनमोल धरोहर है। जिससे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारे देश को आजाद कराने में जिन शहीदों का योगदान रहा है। उन शहीदों की शहादत को केवल उनके जन्म दिवस अथवा पुण्यतिथि पर ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिक को
आज हर पल याद रखने की आवश्यकता है। उन्हीं अमर शहीदों की शहादत की बदौलत आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने पाठ्यक्रमों की पुस्तकों को पढने के साथ शहीदों की जीवनी को भी नियमित पढऩा चाहिए तभी हम देश को लंबे संघर्षों और कुर्बानियों के बाद आजादी दिलाने वाले देश के महान सपूतों को आजाद भारत में
भी जिंदा रख पाएंगे। रामचंद्र जडौला ने कहा कि हम शहीद भगत सिंह, राज गुरु, सुखदेव, नेता जी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, महत्मा गांधी, लाला लाजपत राय, मदनलाल ढींगड़ा, बाल गंगाधर तिलक सरीखे असंख्य शहीदों को केवल उनके जन्म दिन अथवा पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए एकत्र होते हैं। यदि देश का युवा, किसान व
हर वर्ग इन शहीदों की शहादत को हर पल अपने मन में संजोए रखे तो इस बात में कोई शक नहीं कि इस देश का भविष्य उज्जवल ही नहीं बल्कि पूर्णतय सुरक्षित रहेगा। शहीदों की शहादत को हम सभी नमन करते है।

