ढांड, 25 अक्तूबर । कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष रामचंद्र गुर्जर ढांड ने कहा कि एक बार फिर भाजपा सरकार ने गन्ने के दाम में नामात्र बढ़ोतरी कर किसानों के जख्मों पर नमक छिडक़ने का काम किया है। जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार का किसानों से के हितों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसान लगातार अपनी जायज मांगों के
लिए आंदोलनरत थे, लेकिन बीजेपी सरकार लगातार किसानों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। किसानों और कांग्रेस ने बार-बार मांग करी है कि गन्ने का रेट कम से कम 500 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। साथ ही मिलों द्वारा किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए। नई अनाज मंडी ढांड स्थित कार्यालय में बातचीत करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष
रामचंद्र गुर्जर ने कहा कि गन्ना उत्पादन में श्रमिक, बीज, खाद, बुआई, कटाई जैसी लागतें तेजी से बढ़ी हैं। इसके अलावा, बीजेपी सरकार के दौरान पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि ने परिवहन खर्च को दोगुना ढाई गुना कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार उत्पादन लागत में पिछले दशक में 200-250 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि बीजेपी सरकार ने गन्ने
की दरों में केवल नाममात्र 15 रुपये की बढ़ोतरी की। जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है। कांग्रेसी नेता रामचंद्र गुर्जर ढांड ने कहा कि बीजेपी सरकार सभी 24 फसलों पर एमएसपी देने का दावा करती है। जबकि सच्चाई यह है कि हरियाणा में 24 फसलें होती ही नहीं है। जो फसले होती हैं, उनके किसान भी एमएसपी के लिए तरस रहे हैं। बीजेपी के 2014 से
अब तक के 11 वर्षों के शासन में गन्ना दर में केवल 310 से 415 रुपये तक की कुल 33 प्रतिशत वृद्धि हुई, जो प्रति वर्ष मात्र 3 प्रतिशत बनती है। यह वृद्धि इतनी मामूली है कि बढ़ती लागत को कवर ही नहीं करती। कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामचंद्र गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा किसान हित को प्राथमिकता दी, जिसके परिणामस्वरूप हरियाणा गन्ना उत्पादन में अग्रणी राज्य बना। लेकिन बीजेपी शासन में किसान कर्ज के जाल में फंस गए हैं और किसान गन्ने की खेती छोडऩे को मजबूर हैं।

