फरीदाबाद, 05 जुलाई । सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में बने अवैध निमार्ण की तोड़-
फोड़ के बाद वेस्ट को हटाने के लिए नगर निगम की तरफ से आदेश जारी किए गए है। निर्माण के
मालिकों को कहा गया है कि वह स्वयं कीमती सामान, लोहा, गाटर, अन्य सीएनडी वेस्ट को मौके से
हटा लें। निगम के द्वारा वेस्ट को हटाने पर मालिकों से इसका खर्चा वसूला जाएगा। गौरतलब है कि
फरीदाबाद में करीब 20 दिनों से अरावली पर्वत श्रृखंला में वन विभाग और नगर निगम की टीमों ने
मिलकर 80 से ज्यादा अवैध निर्माण गिराएं है। इनमें बड़े फार्म हाउस से लेकर कई मकान शामिल
है। इनको तोड़े जाने के बाद अब नगर निगम ने पहाड़ों पर पड़े इनके वेस्ट को उठाने की मुहिम शुरू
की है। जिसके लिए इन निर्माण के मालिकों को आदेश जारी किए गए है। जिसमें वहां से मलबे को
हटाने के लिए बोला गया है। साथ में यह भी कहा गया है कि अगर निगम को ये मलबा हटाना पड़ा
तो इसके खर्चे की वसूली भी इन निर्माण के मालिकों से ही की जायेगी। नगर निगम एनआईटी
जॉइंट कमिश्नर द्विजा ने इसकी जानकारी दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में ये तोड़-फोड़
की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में अवैध निर्माण को गिराकर उसकी जगह पर वन विकसित
करने का आदेश भी वन विभाग को दिया थ। जिसके लिए अब इस मलबे का यहां से उठाना बेहद
जरूरी है। मलबे को हटाए जाने के बाद यहां पर पेड़ लगाए जाएंगे। पिछले दिनों में गांव अनंगपुर,
लकडपुर, मेवला महाराजपुर, और अनखीर से लगते वन क्षेत्र में अवैध निर्माण पर कार्रवाई की गई है।
वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अरावली पर्वत श्रृंखला में छह हजार अवैध निमार्ण को चिह्नित
किया गया है। इन निर्माण में मकान से लेकर फार्म हाउस तक शामिल है। अरावली पर्वत श्रृंखला में
आनंगपुर, आंखिर, लकड़पुर और मेवला महाराजपुर गांव में सबसे अधिक अवैध निर्माण किए गए हैं।
करीब 20 दिन की कार्रवाई में अभी तक 80 से ज्यादा बड़े फार्म हाउस और इमारतों को तोड़ा जा
चुका है। विभाग को जुलाई के अंत तक सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी है।

