मुंबई, 28 जून । सत्तर के दशक की बहुचर्चित और ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ के रिलीज के
50 वर्ष पूरे होने के मौके पर 27 जून को फिर से एक बार वैश्विक प्रीमियर हुआ। वर्ष 1975 में
रिलीज इस क्लासिक फिल्म की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए इटली में बोलोग्ना के इल सिनेमा
रिट्रोवाटो फेस्टिवल में इसकी स्क्रीनिंग हुई। इसके शुक्रवार को ओपन-एयर पियाजा मैगीओर दिखाया
गया।इस मौके पर ‘शोले’ के निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा, “क्या मैंने कभी सोचा था कि शोले इतनी
दूर तक जाएगी? बिल्कुल नहीं। मुझे याद है कि जब हम इसे बना रहे थे तो हमें पूरा भरोसा था कि
हम अच्छी फिल्म बना रहे हैं, लेकिन ऐसी फिल्म जो सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी और जिसे अब तक की
सबसे महान फिल्मों में से एक माना जाएगा? ऐसा नहीं, हमने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी। मुझे
याद है कि ‘शोले’ को रिलीज के समय ही फ्लॉप घोषित कर दिया गया था। फिल्म की समीक्षाएं
नकारात्मक थीं और कोई दर्शक नहीं था लेकिन दूसरे हफ़्ते में इसने बॉक्स ऑफ़िस पर रिकार्ड तोड़
दिया।” ‘अंदाज़’, ‘शक्ति’ और ‘शान’ जैसी उल्लेखनीय फ़िल्में बनाने वाले रमेश सिप्पी ने ‘शोले’ को
अपनी पसंदीदा फ़िल्म मानने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी दूसरी फ़िल्मों को बनाने में
भी उतनी ही मेहनत की। अगर वे ‘शोले’ जैसी नहीं बन पायी, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे
कम ध्यान से बनायी गयी फ़िल्में थीं। आपदाओं की तरह ब्लॉकबस्टर भी योजनानुसार नहीं होता।”
‘शोले’ में एक पसंदीदा किरदार का नाम पूछे जाने पर रमेश सिप्पी ने कहा “बेशक गब्बर सिंह। वह
सभी का पसंदीदा है। अमिताभ बच्चन सहित हर कोई उसका किरदार निभाना चाहता था।”

