नई दिल्ली/गाजियाबाद, 25 जुलाई । 26वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय
राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों को श्रद्धांजलि
अर्पित की और न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशन पर एक विशेष स्मारक ज़ोन का उद्घाटन किया।
यह ज़ोन भारत की सैन्य वीरता और बलिदान की गाथा को संजोने वाला एक अनूठा स्थल बन गया
है। कार्यक्रम का शुभारंभ एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री शलभ गोयल ने किया। उन्होंने कहा कि
यह स्मारक ज़ोन ना केवल वीर सैनिकों को सम्मानित करता है, बल्कि यात्रियों को भी उनके
बलिदान की गहराई से अवगत कराता है। ज़ोन में कारगिल युद्ध के कठिन भू-भाग और विषम
परिस्थितियों को प्रदर्शित किया गया है, जो भारतीय सेना के अदम्य साहस को दर्शाता है। इस
आयोजन की विशेष बात यह रही कि कारगिल युद्ध के शहीद कैप्टन विजयंत थापर के माता-पिता,
श्रीमती तृप्ता थापर और कर्नल वी.एन. थापर, विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने अपने
बेटे के जीवन, बलिदान और सैनिक जीवन से जुड़े मार्मिक किस्से साझा किए। उन्होंने यह भी बताया
कि कैसे उनका बेटा देश के लिए जीया और अंततः उसी के लिए शहीद हुआ। उनके द्वारा साझा
किया गया विजयंत का अंतिम पत्र उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर गया। कार्यक्रम में बच्चों के
लिए एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया
और चित्रों के माध्यम से देशभक्ति की भावना को उकेरा। ये चित्र कारगिल विजय दिवस ज़ोन के
पास सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा, लेखक ऋषि राज द्वारा आयोजित एक
कथा सत्र ने दर्शकों को कारगिल युद्ध की वीरगाथाओं से रूबरू कराया। उन्होंने युद्ध के दौरान
सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी और मानवता के उदाहरणों को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया।
गौरतलब है कि कारगिल युद्ध 1999 में पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर की गई घुसपैठ के बाद
शुरू हुआ था। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत टाइगर हिल समेत कई अहम चौकियों को
पुनः प्राप्त कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। 26 जुलाई को हर वर्ष इस विजय की याद में ‘कारगिल
विजय दिवस’ मनाया जाता है। एनसीआरटीसी द्वारा स्थापित यह स्मारक ज़ोन, “नमो भारत” को
केवल यात्रा का माध्यम नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक और देशभक्ति से जुड़ा केंद्र बनाने की दिशा में
एक और कदम है। यह पहल देश के वीरों के शौर्य को याद रखने और समाज में देशभक्ति की
भावना को सशक्त बनाने का प्रयास है।

