Saturday, December 6, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeहरियाणा प्रदेशकैथलयोग भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य उपहार : डॉ. संगीता शर्मा

योग भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य उपहार : डॉ. संगीता शर्मा

चौ. ईश्वर सिंह कन्या महाविद्यालय में योग दिवस का भव्य आयोजन

ढांड, 21 जून । भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली, हरियाणा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग एवं आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में योग -संगम वैश्विक उत्सव का 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की कड़ी में जुड़ते हुए एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग इस थीम के अनुसार चौ. ईश्वर सिंह कन्या महाविद्यालय ढांड डडवाना में प्राचार्या डॉ. संगीता शर्मा के कुशल मार्ग निर्देशन में योग दिवस का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों, एनएसएस, एनसीसी की छात्राओं एवं महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रात:काल महाविद्यालय प्रांगण में सूर्य नमस्कार एवं प्रार्थना से हुई। इसके पश्चात छात्राओं एवं शिक्षकों ने सामूहिक रूप से योगासन,

प्राणायाम एवं ध्यान का अभ्यास किया। योग प्रशिक्षकों ने छात्राओं को विभिन्न योग मुद्राओं एवं उनके लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से योग करने से शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य में संतुलन बना रहता है। प्राचार्या डॉ. संगीता शर्मा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में छात्राओं को योग के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि योग भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य उपहार है, जो केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति, आंतरिक सशक्तिकरण और समग्र स्वास्थ्य की दिशा में एक सशक्त उपाय है। एक स्वस्थ नागरिक ही एक सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है और योग इस दिशा में अत्यंत प्रभावी माध्यम है। उन्होंने इस वर्ष की थीम एक

पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग पर अपने विचार रखते हुए कहा की यह विषय केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्त पृथ्वी और उसके समस्त जीव-जंतुओं, प्रकृति और पर्यावरण की सामूहिक भलाई की बात करता है। जब व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ करता है, तो वह समाज, पर्यावरण और समूची पृथ्वी के स्वास्थ्य की दिशा में योगदान देता है। इस कार्यक्रम में डॉ. सुनीता गुप्ता व सरोज बाला प्राध्यापकों ने छात्राओं को योग से जुड़े लाभों और उसकी नियमितता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में युवाओं के लिए योग अपनाना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे तनाव, अवसाद और अन्य मानसिक समस्याओं से दूर रह सकें। कार्यक्रम में छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

उन्होंने सामूहिक रूप से योग करते हुए समाज को स्वस्थ रहने का संदेश दिया। छात्राओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि योग न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य में लाभकारी है, बल्कि इससे उनकी एकाग्रता, आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति में भी वृद्धि हुई है। महाविद्यालय की प्राचार्या ने इस अवसर पर सभी कार्यक्रम अधिकारियों, शिक्षकों एवं छात्राओं की सराहना करते हुए कहा कि यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है कि हमारी छात्राएँ केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि शारीरिक एवं मानसिक रूप से भी सजग और सशक्त बन रही हैं। योग को अपनाकर हम स्वयं को एक बेहतर मनुष्य बना सकते हैं और समाज को भी सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम के अन्त में यह संकल्प लिया गया कि योग को केवल एक दिवस की गतिविधि न मानकर दैनिक जीवन का हिस्सा बनाया जाएगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments