कैथल । उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कैथल के दिशानिर्देशों अनुसार उपमंडल कृषि अधिकारी, कैथल डा. सतीश नारा विभिन्न टीमों के साथ सभी गांवों में लगातार किसानों के खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं तथा धान में बौने पौधे की बीमारी बारे किसानों को जागरूक किया जा रहा है। धान में बौने पौधे नामक बीमारी फैली हुई है जिसके कारण पौधों
की बढवार रूक जाती है, पत्तियां पतली व समय से पहले खेत सूखने लग जाती हैं। इसलिए किसान सुबह-शाम अपने खेतों की निगरानी करें। इस वायरस को सफेद तेला नामक कीट एक स्थान से दूसरे पौधे पर ले जाने का काम करता है। सफेद तेले की रोकथाम के लिए चेस् 120 ग्राम/ एकड़ अथवा ओशीन या टोकन 80 ग्राम/ एकड़ को 200 लीटर पानी के घोल
में मिलाकर स्प्रे करें। तापमान 28 से 35 डिग्री तक व मौसम में लगातार बदलाव होने के कारण वायरस के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं जिस कारण वायरस के पनपने का माहौल बना हुआ है। इसके अतिरिक्त किसानों को सलाह दी जाती है कि संकमित पौधों को उखाड़ कर गड्ढे में दबाए। खेत की स्वच्छता बनाए रखें, नालियों और मेढों की नियमित सफाई करें। खेत में अधिक जल भराव ना होने दें और जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें।

