निर्माणाधीन मंदिर में जल्द ही बनेगा भव्य लंगर हॉल और सत्संग स्थल
महाराज जी ने निर्माण कार्य का निरीक्षण कर समिति को सेवा, समर्पण और ज्ञान का संदेश दिया
स्वामी ज्ञानानन्द महाराज के आगमन से भक्तों में उल्लास, सेवा कार्यों को मिली नई ऊर्जा
सेवा, समर्पण और ज्ञान की प्रेरणा के साथ स्वामी ज्ञानानन्द जी ने सौंपी नई जिम्मेदारियां
इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल,12 जून।सेक्टर-19 स्थित निर्माणाधीन श्री कृष्ण कृपा सेवा धाम मंदिर में गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज जी के अचानक आगमन से भक्तों में अपार हर्ष और उत्साह की लहर दौड़ गई। इस पावन अवसर पर महाराज श्री ने मंदिर में अब तक हुए निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया तथा आगे होने वाले कार्यों के संबंध में समिति के सदस्यों को महत्वपूर्ण सुझाव और दिशा-निर्देश प्रदान किए।
स्वामी ज्ञानानंद जी ने श्री कृष्ण कृपा सेवा समिति कैथल के पूर्व सदस्यों को उनके सफल कार्यकाल के लिए बधाई और आशीर्वाद दिया। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों से सेवा, सहयोग और समर्पण की भावना के साथ कार्य करते रहने का आह्वान किया। नवगठित समिति की घोषणा करते हुए महाराज श्री ने विभिन्न पदाधिकारियों को सेवा दायित्व सौंपे। इनमें प्रधान संजय गर्ग (संकट मोचन वाले), संयोजक शरद बंसल, दिनेश पाठक, राजकुमार मुखीजा, सतीश राजपाल, सोनू वर्मा, महासचिव सुषम कपूर, कोषाध्यक्ष सुनील खुराना, सह-कोषाध्यक्ष कमल खनिजों, उप-प्रधान डॉ. अश्वनी खुराना, पवन बंसल बनाए गए।
साथ ही सत्संग एवं पत्रिका व्यवस्था सुजीत कपूर, कारागार सत्संग व्यवस्था अजय भंजाना, लाल पौ मंदिर एवं होम्योपैथी डिस्पेंसरी प्रबंधन प्रवीण चावला एवं सुरेंद्र टुटेजा (रिंकू) व युवा टीम व्यवस्था पारस गाबा एवं अमित सन्नी चुघ को सौंपी गई।स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने सभी सदस्यों से सेवा कार्य को एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक धार्मिक कर्तव्य के रूप में निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य केवल निर्माण नहीं, बल्कि जनसेवा, धार्मिक उत्थान और आध्यात्मिक उन्नति है। उन्होंने समिति को सेवा, समर्पण और ज्ञान के मूल मंत्र पर चलते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश दिया।
उन्होंने विशेष रूप से श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान को जीवन में अपनाने और दूसरों के साथ सांझा करने की प्रेरणा दी। उनका कहना था, “धर्म और अध्यात्म ही सच्ची शांति और आनंद का मार्ग हैं। गीता हमें कर्म और मुक्ति का मार्ग दिखाती है। यही मंदिर सेवा, समर्पण और अध्यात्म का केंद्र बने, यही उद्देश्य होना चाहिए। नवनियुक्त प्रधान संजय गर्ग ने स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आपके मार्गदर्शन से हम इस मंदिर को सेवा, समर्पण, ज्ञान और अध्यात्म का केंद्र बनाएंगे।
हमारा प्रयास रहेगा कि मंदिर का स्वरूप भव्य हो और यह लोगों की आस्था का केंद्र बने।” महासचिव सुषम कपूर ने जानकारी दी कि मंदिर परिसर में लगभग 60×70 फीट का सत्संग हॉल तैयार हो चुका है और अब लंगर हॉल एवं लगभग 10 कमरे निर्माणाधीन हैं। उन्होंने समाज से इस सेवा प्रकल्प में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की और कहा कि यह एक पावन अवसर है जब हर कोई किसी न किसी रूप में इस पुनीत कार्य से जुड़ सकता है। इस अवसर पर समिति के सभी पदाधिकारी, सदस्यगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तजन उपस्थित रहे।