‘एमएलए एमपी को चार चार पैंशन मिल सकती हैं तो हमें एक क्यों नहीं’
कैथल । हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन हसला के राज्य कन्वीनर ईश्वर ढांडा ने प्रैस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि एक अगस्त को पैंशन बहाली संघर्ष समिति काला दिवस के रूप में मना रही है। प्राध्यापक सुबह सभी स्कूलों में काली पट्टी बांध कर रोष व्यक्त करेंगे। फिर तीन बजे जिला सचिवालय कैथल में रोष प्रदर्शन किया जाएगा। हसला के राज्य महासचिव सुरेश राविश व ब्लाक प्रधान सतीश मलिक ने बताया कि सरकार ने 2006 से हरियाणा में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को नेशनल पेंशन स्कीम में बदल दिया जो कि ना कर्मचारियों के लिए
ना अधिकारियों के लिए और ना सरकार के लिए यह पॉलिसी अच्छी है। इस पॉलिसी का लगातार सभी कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। सभी विभागों के कर्मचारियों के विरोध के कारण आज बीजेपी को छोडक़र सभी पार्टियों पुरानी पेंशन देने की बात कर रही हैं। कुछ राज्यों में तो पुरानी पेंशन लागू भी कर दी है। हसला के पूर्व संरक्षक सुरेश राणा ने कहा हरियाणा में प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन देने में असमर्थता जता रही है और बजट का बहाना बना रही है जो कि बिल्कुल गलत है। स्वयं एमएलए और एमपी चार चार पेंशन ले रहे हैं और कर्मचारियों को
एक भी पेंशन देने से मना कर रहे हैं। कर्मचारी पंचकूला में, करनाल में दिल्ली में बहुत बड़ी-बड़ी रैली कर चुके हैं लेकिन मौजूदा सरकार जिद पर अड़ी हुई है। यदि सरकार जल्द ही कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू नहीं करेगी तो कर्मचारी कोई बड़ा आन्दोलन करने पर मजबूर होंगे। कर्मचारी वोट फॉर ऑफिस की मुहिम चलाएंगे और सरकार से पूछेंगे कि यदि मेरी वोट से मेरी पेंशन नहीं तो एमएलए, एमपी की पेंशन क्यों।

